अवधनामा संवाददाता
कुशीनगर। कश्मीर के अनंतनाग जिले के रख मोमिन क्षेत्र में 12 नवंबर की रात आतंकियों द्वारा गैर कश्मीरी लोगों पर की गई फायरिंग मे कुशीनगर जिले के रहने वाले मुसहर जाति के दो मजदूर गंभीर रुप से घायल हो गए है। घायलों का इलाज चल रहा है जहां उनकी स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुुई है। दोनो घायलों के ऊपर परिवार की जिम्मेदारी है। आठ माह पूर्व दोनो मजदूर रोजगार के लिए कश्मीर गये थे।
जानकारी के मुताबिक घायल मजदूरों मे एक कसया थाना क्षेत्र के धुरिया खास गांव के धुरिया भाठ टोला निवासी गोविंद है और दूसरा पटहेरवा थाना क्षेत्र के रहसू जनूबीपट्टी गांव के पुरैना मुसहर बस्ती निवासी छट्ठू है। गोली लगने के बाद दोनों मजदूरों को सेना के जवानों ने अस्पताल में भर्ती कराया। जहां दोनों का इलाज चल रहा है। गोविंद की पत्नी माया ने बताया कि छोटू और गोविंद आठ माह पूर्व रोजी-रोटी की तलाश में कश्मीर गए थे। छोटू अपने ससुराल में परिवार के साथ कई सालों से रहता है. दोनों परिवार की आर्थिक स्थिति दूर करने के लिए जम्मू कश्मीर गए थे। घटना की सूचना के बाद पत्नी व बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल है।
कहना ना होगा कि कि घाटी में टारगेट किलिंग के मामले में कुशीनगर के दो मुसहर परिवार की खुशियां दाव पर है। क्योंकि वहां के टारगेट किलिंग में घायलों में दोनो मजदूर कुशीनगर जिले के अपने गांव से रोजी रोटी की तलाश में इसी साल मार्च महीने में गए हुए थे। दोनों मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण कर रहे थे। दोनों मजदूरों के भेजे हुए पैसे से दोनों परिवारों के घर का चूल्हा जलता था। दोनों परिवारों की आर्थिक हालत बेहद खराब है। पक्के मकान की जगह आज भी उनका परिवार झुग्गी-झोपड़ी मे गुजर बसर करने के लिए मजबूर है। परिवार के सामने अब रोटी का संकट मंडराने लगा है। इनके घायल होने की सूचना के बाद दोनों परिवारों का रो रोकर बुरा हाल है, जबकि मासूम बच्चे पिता की राह ताक रहे हैं। दोनो परिवारों के लोग टकटकी लगाए सरकार से सहयोग की बाट जोह रहे है। बता दे कि योगी सरकार मुसहरों के उत्थान के लिए तमाम जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू की है। ऐसे मे परिवार के लोग सूबे की मुखिया योगी आदित्यनाथ ने से मदद की उम्मीद लगाए बैठे है। कहना ना होगा कि इससे पहले सितंबर माह में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में दो गैर स्थानीय मजदूर गोली लगने से घायल हो गए थे। घायलों की पहचान बिहार के बेतिया जिला निवासी शमशाद और फैजान कासरी के रूप में हुई थी।