नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शुक्रवार को एनआईए द्वारा आयोजित नो मनी फॉर टेरर सम्मेलन में शामिल हुए। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद को फंडिंग आतंकी घटनाओं से कहीं अधिक खतरनाक है। इन आतंकी खतरे को किसी धर्म, राष्ट्रीयता या समूह से नहीं जोड़ा जा सकता है और न ही होना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आतंकी हिंसा करने, युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए लगातार नए तरीके खोज रहे हैं। आतंकवादी कट्टरपंथी सामग्री फैलाने और अपनी पहचान छिपाने के लिए डार्कनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। क्रिप्टोकरेंसी जैसी वर्चुअल संपत्ति का उपयोग भी बढ़ रहा है।
कुछ देश आतंकवाद से निपटने के संकल्प को कर रहे कमजोर
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि हमें डार्क नेट पर होने वाली ऐसी गतिविधियों के पैटर्न का विश्लेषण और समझना होगा और उनका समाधान खोजना होगा। दुर्भाग्य से कुछ ऐसे देश हैं जो आतंकवाद से निपटने के हमारे सामूहिक संकल्प को कमजोर या नष्ट करना चाहते हैं।
आतंकवादी को पनाह देना आतंकवाद को बढ़ावा देने के बराबर
साथ ही कहा कि अक्सर हमने देखा है कि कुछ देश आतंकवादियों को ढाल देते हैं और उन्हें शरण देते हैं। एक आतंकवादी को पनाह देना आतंकवाद को बढ़ावा देने के बराबर है। ऐसे तत्व और ऐसे देश अपने मंसूबों में कामयाब न हों, यह देखना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।
नए समीकरणों ने टेरर फंडिंग के मुद्दो बनाया गंभीर
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अगस्त 2021 के बाद दक्षिण एशियाई क्षेत्र में स्थिति में व्यापक परिवर्तन हुए हैं। सत्ता में बदलाव, आईएसआईएस और अल कायदा के प्रभाव में वृद्धि क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। नए समीकरणों ने टेरर फंडिंग के मुद्दे को और भी गंभीर बना दिया है।
इस कार्यक्रम में 72 देशों के प्रतिनिधि हो रहे शामिल
बता दें कि आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली में राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा नो मनी फॉर टेरर कॉन्फ्रें स का आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्घाटन शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने किया। एनआईए के इस कार्यक्रम में 72 देशों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। हालांकि, इसमें पाकिस्तान और अफगानिस्तान हिस्सा नहीं ले रहे हैं।
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