बीआरएस चीफ के काफिले में 600 वाहन, जगह-जगह भारी स्वागत
मुंबई। तेलंगाना के मुख्यमंत्री व भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के मुखिया के चंद्रशेखर राव सोमवार को महाराष्ट्र के सोलापुर के लिए रवाना हुए। पूरे लाव-लश्कर के साथ निकले चंद्रशेखर राव के काफिले में करीब 600 वाहन शामिल हैं। इनमें उनकी पार्टी के नेता, मंत्री, सांसद विधायक आदि सवार हैं। हैदराबाद के प्रगति भवन से सोलापुर के लिए शुरू हुई उनकी यात्रा रोड शो में बदल गई।
चंद्रशेखर की एक झलक पाने के लिए उनके समर्थक सड़कों पर उतर आए और फूल बरसाकर उनका स्वागत किया। समर्थक राव के समर्थन में नारीबाजी कर रहे थे। वे दो दिन महाराष्ट्र में रहेंगे।
सीएम चंद्रशेखर राव ने पिछले कुछ महीनों में महाराष्ट्र के कई जिलों में बड़ी जनसभाएं की हैं। इन सभाओं में उन्होंने विकास का तेलंगाना मॉडल पेश किया। यही नहीं पिछले कुछ महीनों में महाराष्ट्र के कुछ नेताओं ने बीआरएस का दामन भी थामा है। बीआरएस सुप्रीमो ने हाल ही में महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के नागपुर में एक पार्टी कार्यालय का उद्घाटन किया था। महाराष्ट्र में विस्तार की एक बड़ी कवायद में बीआरएस सभी 288 विधानसभा क्षेत्रों में एक अभियान की योजना बना रही है।
पंढऱपुर भी जाएंगे केसीआर
अपनी यात्रा के दौरान बीआरएस चीफ संभवत: महाराष्ट्र के कई नेताओं के साथ-साथ तेलंगाना से पलायन करने वाले हथकरघा श्रमिकों के परिवारों से मुलाकात करेंगे। मंगलवार की सुबह, केसीआर विशेष पूजा में भाग लेने के लिए उस्मानाबाद में प्रसिद्ध भगवान वि_ल मंदिर और तुलजा भवानी अम्मावरु के दर्शन करने के लिए तीर्थनगरी पंढरपुर जाएंगे।
पिछले साल दिसंबर में तेलंगाना राष्ट्र समिति का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति किए जाने के बाद से महाराष्ट्र केसीआर का मुख्य फोकस रहा है। मुख्यमंत्री ने विकास के अपने तेलंगाना मॉडल पर प्रकाश डालते हुए पड़ोसी राज्यों में पांच सार्वजनिक बैठकों को संबोधित किया है।
महाराष्ट्र में पार्टी का विस्तार
19 मई को सार्वजनिक बैठक में उन्होंने पूरे महाराष्ट्र में बीआरएस का विस्तार करने के लिए एक महीने के कार्यक्रम की घोषणा की। पार्टी नेताओं के लिए एक प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा था कि बीआरएस 45 हजार से अधिक गांवों और नगर निकायों के 5,000 नगरपालिका वार्डों में विस्तार करने के लिए एक व्यापक अभियान चलाएगी। पिछले छह महीनों के दौरान महाराष्ट्र में राकांपा और अन्य दलों के कई कार्यकर्ता और नेता बीआरएस में शामिल हुए हैं।