लखनऊ के मोहनलालगंज में एक 14 वर्षीय किशोर ने फ्री फायर गेम में 13 लाख रुपये हारने के बाद आत्महत्या कर ली। पिता के बैंक खाते से पैसे गायब होने पर पूछताछ करने पर किशोर ने सच्चाई बताई जिसके बाद उसने यह कदम उठाया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
लखनऊ। फ्री फायर गेम ने सोमवार को एक और किशोर की जान ले ली। मोहनलालगंज के धनुआसांड निवासी सुरेश यादव को पता चला कि उनके खाते में एक भी रुपये नहीं हैं। जब उन्होंने घर आकर अपने 14 वर्षीय बेटे यश से पूछा, तो उसने बताया कि उसने गेम में 13 लाख रुपये हार गए हैं यह सुनकर सुरेश ने यश को डांटा, जिसके बाद वह कोचिंग चला गया।
वहां से लौटने के बाद यश ने फंदे से लटककर अपनी जान दे दी। सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) मोहनलालगंज रजनीश वर्मा ने बताया कि यश के मोबाइल को कब्जे में लेकर जांच की जा रही है, ताकि घटना के पीछे के कारणों का पताबैंक पहुंचने पर जानकारी हुई तो पिता ने था डांटा
एसीपी ने बताया कि सुरेश यादव धुनआसांड गांव में परिवार के साथ रहकर खेती करते हैं। उनका बेटा यश बंथरा के कैथी स्थित एक निजी स्कूल में कक्षा छह का छात्र था। जांच में सामने आया कि सुरेश यादव सोमवार को बैंक से बीस हजार रुपये निकालने गए थे, लेकिन जब उन्होंने वाउचर दिया, तो कैशियर ने बताया कि खाते में एक भी रुपये नहीं है।
कोचिंग से लौटने के बाद उठाया कदम
यह सुनकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। जब उन्होंने स्टेटमेंट निकलवाया, तो पता चला कि ऑनलाइन किसी को रकम बार-बार भेजी गई है। घर पहुंचने पर सुरेश को पता चला कि यश बहन गुनगुन के साख कोचिंग गया हुआ है। वह वहां पहुंच गए। अपने बेटे यश से रुपये के बारे में पूछा, जो अपनी बहन गुनगुन के साथ कोचिंग गया हुआ था। यश ने पहले तो बात छिपाई, फिर कोचिंग टीचर ने पूछा तो उसने बताया कि वह ऑनलाइन गेम में रुपये हार गया है।
खाते में पड़े 13 लाख रुपये लगा दिए
यह सुन घरवालों ने डांटा, तो उसने बताया कि वह आनलाइन फ्री फायर गेम खेलता है और उसी में उसने खाते में पड़े 13 लाख रुपये लगा दिए थे। इस पर यश भागते हुए घर चला गया। पूछे से सुरेश गुनगुन को लेकर घर पहुंचे तो पता चला कि दूसरी मंजिल पर पहुंचकर यश ने छत के कुंडे से रस्सी के सहारे फंदे से लटककर अपनी जान दे दी। यश परिवार का इकलौता बेटा था, और उसके परिवार में उसकी बहन गुनगुन और माता विमला देवी हैं। इस घटना से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
कई महीनों से यश खेल रहा था गेम
जब पिता ने बैंक का स्टेटमेंट निकलवाया, तो पता चला कि यश कई महीनों से गेम खेल रहा था और रोजाना कई बार में रकम टुकड़ों में भेजता था। घर में मोबाइल एक होने के कारण सभी मैसेज भी उसी पर आते थे, जिससे किसी को पता नहीं चलता था। एसीपी ने बताया कि अभी बैंक खाते के बारे में विस्तृत जानकारी जुटाई जाएगी। शुरुआत में परिवार ने पोस्टमार्टम करवाने से मना कर दिया था, लेकिन समझाने के बाद वे मान गए। पुलिस अब आगे की कार्रवाई में जुटी है और मामले की जांच कर रही है। .
ज्यादा रकम न हार जाए इस वजह से दी थी जान
गोमतीनगर विस्तार में बीती 21 अगस्त को आजमगढ़ निवासी सिद्धार्थ ने फंदे से लटकर जान दे दी थी। उसने सुसाइड नोट लिखा था कि वह ऑनलाइन गेम खेलता है, जिसकी वजह से घरवाले भी परेशान रहते हैं। वह ज्यादा रकम न हार जाए इस वजह से फंदे से लटककर जान देदी। पिता रविंद्र प्रताप सिंंह ने बताया कि आजमगढ़ में पढ़ाई के दौरान सिद्धार्थ को आनलाइन गेम की लत लग गई थी। लगाया जा सके।