भुवनेश्वर। भारतीय पुरुष हाकी टीम के पूर्व कप्तान दिलीप टिर्की चाहते हैं कि चीन में कोरोना के मामले बढ़ने की वजह से हांगझोउ एशियाई खेलों के स्थगित होने के बाद प्रबंधन को बर्मिघम में होने वाले कामनवेल्थ गेम्स के लिए मजबूत हाकी टीम भेजनी चाहिए। टिर्की ने हालांकि, एशियाई खेलों के स्थगित होने पर निराशा जताते हुए कहा कि भारत के पास इसे जीतकर 2024 पेरिस ओलिंपिक के लिए सीधे क्वालीफाई करने का एक अच्छा मौका था।
उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि कामनवेल्थ गेम्स में हाकी इंडिया को पुरुष और महिला वर्ग में नंबर एक टीम भेजनी चाहिए। अगर एशियाई खेल स्थगित नहीं हुए होते तो यह समझा जा सकता था कि आप कामनवेल्थ खेलों के लिए ‘ए’ टीमें भेजें। खिलाडि़यों के लिए दो टूर्नामेंटों में लय बरकरार रखना मुश्किल होता। लेकिन, अब मुझे कामनवेल्थ में अपने शीर्ष खिलाडि़यों को नहीं भेजने का कोई कारण नहीं नजर आता। खेल कैलेंडर वर्ष के लिए यह एक महत्वपूर्ण टूर्नामेंट है और इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे कुछ कठिन हाकी टीमें इसमें भाग लेंगी। मैं चाहता हूं कि हमारी मुख्य टीम इसमें भाग ले।’
टिर्की राष्ट्रीय चयन समिति में हाकी चयनकर्ताओं में से एक हैं। हालांकि, उन्होंने बताया कि उनकी इस बारे में हाकी इंडिया से कोई चर्चा नहीं हुई है। टिर्की ने कहा कि वह अपने फैसले के बारे में बताएंगे और महासंघ को इसके लिए राजी करने का प्रयास करेंगे। इस साल मार्च में पूर्व कप्तान सरदार सिंह और पूर्व स्ट्राइकर दीपक ठाकुर को भारतीय पुरुष और महिला ‘ए’ टीमों का कोच बनाया गया था जिसे कामनवेल्थ खेलों में हिस्सा लेना था।
अनुभवी खिलाड़ियों रुपिंदर पाल सिंह, बीरेंद्र लाकड़ा और एसवी सुनील को संन्यास से वापस लौटने के लिए कहा गया। यह उस वक्त हुआ जब हाकी इंडिया ने कामनवेल्थ और एशियाई खेलों के बीच कम अंतर होने के कारण बहु खेल आयोजन के लिए मुख्य टीम को नहीं भेजने का फैसला किया था।
टिर्की ने कहा, ‘मुझे एशियाई खेलों में हमारी जीत का भरोसा था। फार्म और लय हमारे साथ थी। इससे हम दो साल पहले ही ओलिंपिक के लिए अपना स्थान पक्का कर लेते। मुझे नहीं लगता कि एशियाई खेलों का स्थगित होना हमारे लिए एक आदर्श स्थिति है। जब तक एशियाई खेल अगले साल होंगे तब हमारे कुछ सीनियर खिलाड़ी संन्यास ले चुके होंगे। हमारे पास पेरिस ओलिंपिक की तैयारियों के लिए एक साल का समय शेष है। मैं खेलों के स्थगित होने से खुश नहीं हूं, लेकिन हमें स्थिति और मानव जीवन के मूल्यों को समझना होगा।’
पूर्व कप्तान ने साथ ही भारतीय टीम को सलाह देते हुए कहा कि ओलिंपिक में क्वालीफाई करने के लिए एशियाई खेलों का इंतजार नहीं करें। टिर्की ने कहा, ‘अगर एशियाई खेलों से पहले एफआइएच कोई योजना बनाता है तो लड़कों को अगले साल महाद्वीपीय क्वालीफिकेशन टूर्नामेंटों में से एक से क्वालीफाई करने का प्रयास करना चाहिए।’