देश आजादी के अमृत महोत्सव में शिक्षक अपनी जिम्मेदारी का वहन करें: प्रो जेपी सिंहल

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अवधनामा संवाददाता

अयोध्या। अवध विश्वविद्यालय के आईटी विभाग में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक दूसरे दिन चार सत्रों में सम्पन्न हुई। बैठक में देश के विभिन्न कोनो से आये करीब 125 शिक्षाविद् उपस्थित रहे। इसमें द्वारिका से लेकर असम व जम्मू कश्मीर से केरल तक के विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों व स्कूलों से जुड़े शिक्षाविद् शामिल है।

बैठक का उद्घाटन शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व कुलपति राजस्थान विश्वविद्यालय प्रो जेपी सिंहल एवं शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री शिवानंद शिंदकेरा, राष्ट्रीय संगठन मंत्री महेन्द्र कपूर द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवल के माध्यम से किया गया। महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी सिंहल ने कहा कि देश के समाने जो शैक्षिक प्रश्न है उनका अपने अपने प्रांत में सजगता व संगठित रुप से समाधान करें ताकि शिक्षक एक अच्छे शैक्षिक वातावरण में अपना दयित्व सुचारु रुप से निभा सके।
उन्होने कहा कि जब पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव बड़े धूमधाम से मना रहा है तो यहां का शिक्षक भी अपनी जिम्मेदारी का वहन करें। प्रत्येक शिक्षक अपने शिक्षा संस्थान में कम से कम एक पौधा लगाये और उसका संवर्धन करें। इस तरह महासंघ के 12 लाख शिक्षक अपने अपने शिक्षा संस्थानों में 12 लाख पौधे लगायेंगे। इससे पर्यावरण स्नेही वातावरण का निर्माण होगा और छात्र आरोग्य वातावरण में पढ़ाई कर सकेंगे। इसके साथ साथ मेरा विद्यालय मेरा तीर्थ योजना का भी उद्घाटन हो रहा है। इसकी संकल्पना में मेरा विद्यालय मेरा तीर्थ क्षेत्र के रुप में हर एक छात्र देखें और तीर्थ क्षेत्र की तरह उसकी स्वच्छता, पवित्रता का ध्यान रखे।
द्वितीय सत्र में देश के विभिन्न प्रांतो की शैक्षिक समस्याओं पर चर्चा हुई। जिमसें विश्वविद्यालय व वहां की सरकार तथा स्थानीय प्रशासन से जुड़ी समस्याएं प्रमुख रही। इन समस्याओं के समाधान पर चर्चा हुई। सत्र में महामंत्री शिवानंद शिंदकेरा से सभी प्रांतो के शिक्षकों ने समस्याओं को बताया तथा एक ज्ञापन तैयार किया गया जो यूजीसी के सामने प्रस्तुत किया जायेगा। इसके साथ में शिक्षा मंत्री को भी ज्ञापन दिया जायेगा। जिससे समस्याओं का समाधान हो सके। इसमें नई शिक्षा नीति 2020 के कारगर क्रियान्वयन के लिए क्या समस्याएं आ रही है और उनके समाधान के लिए नीति निर्धारण में क्या बदलाव लाया जाय इसके बारे में सघन चर्चा हुई।
तृतीय सत्र महासंघ के प्रशिक्षण प्रकोष्ठ प्रमुख डा शेखर चन्द्रात्रेय ने 1 अगस्त को देश भर के एक लाख से उपर विद्यालयों में एक ही दिन भारत माता का पूजन एवं स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान व उनको श्रद्धांजलि की रुप रेखा को कार्यकारिणी के समक्ष रखा। प्रतिनिधियों से वार्ता करते करते उनके प्रांत की तैयारियों के बारे में जानकारी हासिल की। उन्होने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य है कि स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मनाना गौरव व अभिमान का विषय है। हमारे पूर्वजों ने बलिदान देकर जो स्वतंत्रता हासिल की है उन वीरों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करना और आने वाली पीढ़ी की जिम्मेदारी है कि इस स्वतंत्रता का अक्षुण्य बनाये रख सकते है। इस जिम्मेदारी का अहसास भी छात्रों में उत्पन्न हो ऐसा प्रयास किया जाय। साथ में उस स्थान पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का परिवार रहता हो अथवा शहीद सैनिक का परिवार। उनको कार्यक्रम में आमंत्रित करते हुए सम्मानित किया जाय।
चौथे सत्र में राष्ट्रीय अतिरिक्त महामंत्री प्रो नारायन लाल गुप्ता ने बताया कि बैठक में देश भर के 100 से उपर विश्वविद्यालयों में दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन पर कई सुझाव आये है। पूरे सेमिनार की थीम इंडिया से भारत की ओर होगी। 1947 में हमें स्वाधीनता तो मिली लेकिन क्या सही मायनों में हमारे समाज के सभी अंगो का विकास हुआ है अथवा नहीं हुआ है। इस शिक्षा क्षेत्र में भारतीयता का प्रतिबिम्ब हो इस विषय पर भी चर्चा हुई। मैकाले शिक्षा पद्धति को हटाकर भारतीय दृष्टि से इतिहास, भूगोल अन्य सारे विषय किस तरह से पढ़ाये जो ऐसे विषयों पर संगोष्ठी में चर्चा हुई। जिसमें सारे देश के शिक्षाविदों की सहभागिता रही। हमें पूरा विश्वास है इन 100 सेमिनारों से भारतीय जीवन को एक स्वदेशी दृष्टि से विकसित होने में मद्द मिलेगी।
इनसेट में
तिलक रोली लगाकर हुआ स्वागत
अयोध्या। देश के विभिन्न कोनो से आये शिक्षविदों का रोली तिलक लगाकर स्वागत किया गया। उन्हें बैग, शैक्षिक किट भेंट किया गया। शिक्षाविदों का स्वागत करने वाली टीम में डा आभा सिंह, रेखा श्रीवास्तव, श्रुति सिंह, श्रेया पाण्डेय, सोनी पाठक शामिल रही।
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