शिक्षक छात्र का रिश्ता ऐसा,
जैसे बगीचे का माली से है!
माली करता रक्षा बगीचे की,
रिश्ता उसका फुलवारी से है!
शिक्षक छात्र के भविष्य निर्माता,
वहीँ छात्र के रखवाले है!
छात्र का मार्गदर्शन होता उनसे,
छात्र-नैया उन्हीं के सहारे है!
चल के उनके मार्गदर्शन पर,
छात्र कल्याण संभव हो पाया!
इस कथन को जाने कितने,
महापुरुषों ने दोहराया!
शिक्षक समाज का वो हिस्सा है,
जिसने हमको सम्पूर्ण किया!
धरती पर लेकर जन्म उन्होंने,
कर्ता के कर्त को पूर्ण किया!
पथ प्रदर्शकों का ऋण है इतना,
उऋण न संभव हो पाया!
करते हम सब यही कामना,
बना रहे उनका साया!
धन्य-धन्य है ऐसे गुरुओं का,
जिन्होंने तम को दूर किया!
देके अपना दिब्य ज्ञान,
सृष्टि को ज्योतिस्वरूप किया!
अर्चना पाल
शोध छात्रा
शिक्षा संकाय
लखनऊ विश्वविद्यालय