अवधनामा संवाददाता
देर रात कर्बला में दफन किए गए ताजिए
चार अखाड़ों के कलाकारों ने दिखाए हैरतअंगेज कारनामे
कपड़े का ताजिया और तीर का ताजिया रहा आकर्षण का रहा केंद्र
आजमगढ़। हजरत इमाम हुसैन और उनके बहत्तर साथियों की याद में मनाए जाने वाले त्योहार मुहर्रम की दशवी मंगलवार को इमाम चौक पर बैठाए गए ताजिए बैंड बाजे के साथ उठाए गए। अखाड़ों के साथ ताजियों का जुलूस निकला। इसमें कपड़े से बना और तीर का बना ताजिया लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा। अखाड़ों के साथ भ्रमण करते हुए सभी ताजिए देर रात कर्बला में दफन किए गए।
ताजियों के साथ कटरा और जामा मस्जिद अखाड़े के कलाकारों ने कटरा मुहल्ले में अपनी कला का तलवार,लाठी,भाला,जंजीर से कबरत दिखाकर हैरतअंगेज कर दिया। कटरा मुहल्ला से खेलते हुए अखाड़े सब्जीमंडी से चौक आए जहां पर शस्त्रों से अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए पुरानी कोतवाली आए। पुरानी कोतवाली से सभी ताजिए अखाड़ों के साथ तकिया पर आए। यहां पर दोनों अखाड़े के कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। उधर कोट और पहाड़पुर अखाड़ा एक साथ खेलते हुए कोट चौराहे पर खेलों का प्रदर्शन करते हुए राजा साहब के किला गए। राजा साहब के किला से होते हुए पुनः कोट होते हुए दलालघाट से पुरानी कोतवाली पर खेलते हुए तकिया पहुंचे। जहां पर चारो अखाड़ों के कलाकारों ने जमकर खेला। तकिया से पुनः सभी अखाड़े खेलते हुए पुरानी कोतवाली होते हुए मुख्य चौक से पुरानी सब्जी मंडी,कटरा से बदरका होते हुए कर्बला पहुंचे। कर्बला के मैदान में चारों अखाड़ों में मुकाबला हुआ। इसके बाद अखाड़ों के साथ चल रहे सभी ताजियों को कर्बला में देर रात दफन किया गया।