नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में बुधवार को भी तवांग का ही मुद्दा गूंजा। लोकसभा में विपक्ष ने हंगामा किया। चर्चा की मांग को लेकर राज्यसभा से 17 विपक्षी दलों ने वॉकआउट कर दिया। इसमें कांग्रेस, राजद, आम आदमी पार्टी, एमडीएमके, सीपीआई, जदयू, डीएमके, टीएमसी और टीडीपी समेत अन्य विपक्षी दलों के सांसद शामिल रहे।
कार्यवाही शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भाजपा संसदीय बोर्ड की मीटिंग की। जब मोदी की एंट्री हुई तो पार्लियामेंट्री बोर्ड के मेंबर्स ताली बजाकर उनका स्वागत करते रहे। ये स्वागत गुजरात में जीत के लिए किया गया। करीब 3 मिनट तक तालियां बजती ही रहीं।
कांग्रेस ने भी भारत-चीन सैनिकों की झड़प पर विपक्षी दलों की हाईलेवल मीटिंग बुलाई। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडग़े तवांग पर सरकार को घेरने के लिए विपक्षी दलों के साथ चर्चा की।
मंगलवार को मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा था कि रक्षामंत्री संसद में आए और अपना बयान पढ़कर बाहर चले गए। वह चर्चा करने के लिए तैयार ही नहीं थे। इसका राजीव गांधी फाउंडेशन मामले से कोई संबंध नहीं है। अगर इसमें हमारी किसी भी तरह की गलती है तो हमें फांसी पर लटका दो।
खडग़े का कहना था कि उपसभापति ने कहा था कि हमें स्पष्टीकरण का मौका दिया जाएगा, लेकिन उन्होंने नहीं दिया। हमारी बात भी सुनने को तैयार नहीं थे। यह देश के लिए अच्छा नहीं है।
राजनाथ ने कहा- 9 दिसंबर 2022 को पीएलए ट्रूप्स ने तवांग में एलएसी का उल्लंघन कर नियम तोड़े थे। भारतीय सेना ने पीएलए को अतिक्रमण से रोका। उन्हें उनकी पोस्ट पर जाने के लिए मजबूर कर दिया। इस घटना में दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोटें भी आई हैं। हमारे किसी भी सैनिक की न तो मृत्यु हुई है और न कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है। समय से हमने हस्तक्षेप किया। इसकी वजह से चीनी सैनिक वापस चले गए।
इसके बाद लोकल कमांडर ने 11 दिसंबर को चाइनीज काउंटर पार्ट के साथ व्यवस्था के तहत फ्लैग मीटिंग की। चीन को ऐसे एक्शन के लिए मना किया गया और शांति बनाए रखने को कहा। कूटनीतिक स्तर पर भी मुद्दा उठाया गया। हमारी सेनाएं भौमिक अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। किसी भी प्रयास को रोकने के लिए तत्पर हैं। विश्वास है सदन सेनाओं की वीरता और साहस को समर्थन देगा। यह संसद बिना किसी संशय के भारतीय सेना के शौर्य, पराक्रम और क्षमता का अभिनंदन करेगी।