अवधनामा ब्यूरो
नई दिल्ली. हाईकोर्ट ने महिला के हाथ पर गुदा हुआ एक डिज़ाइनर टैटू देखा और उसके साथ बलात्कार करने का इल्जाम झेल रहे व्यक्ति को रिहा करने का आदेश दे दिया. महिला ने बताया कि यह टैटू आरोपित ने ही जबरन उसके हाथ पर बनाया था मगर अदालत ने यह बात मानने से इनकार कर दिया.
मामला देश की राजधानी दिल्ली का है. एक महिला ने एक व्यक्ति के खिलाफ ब्लैकमेल करते हुए साल 2016 से 2019 तक ज़बरदस्ती शारीरिक सम्बन्ध बनाने की एफआईआर दर्ज कराई थी. बलात्कार का मुकदमा दर्ज होने के बाद उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया.
मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो आरोपित ने अदालत को बताया कि महिला से उसकी दोस्ती फेसबुक के ज़रिये हुई थी. यह दोस्ती प्यार में बदल गई. वह लोग कई इवेंट्स में साथ रहे. महिला ने अपने प्यार को जताने के लिए अपनी बांह पर उसके नाम का टैटू तक गुदवा लिया.
महिला ने कहा कि यह टैटू आरोपित ने जबरन उसके हाथ पर गोदा था. जस्टिस रजनीश भटनागर ने आरोपित को ज़मानत देते हुए कहा कि आरोपित टैटू व्यवसाय से नहीं जुड़ा है, इसलिए वह किसी की बांह पर टैटू नहीं गोद सकता है. टैटू के लिए मशीन और प्रशिक्षित व्यक्ति की ज़रूरत होती है. यह इतना आसान काम नहीं है जिसे कोई भी अंजाम दे सके.
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अदालत ने कहा कि आरोपित के साथ महिला के प्रेम सम्बन्ध थे. यह बात दोनों पक्षों ने ही स्वीकार की है. ऐसे में आरोपित को ज़मानत पर रिहा कर दिया जाना न्याय संगत है.