टाटा मोटर्स ने परिवहन के भविष्य के लिए तैयार की एक हरित रूपरेखा

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नई दिल्ली। भारत में शहरीकरण और पर्यावरण के अनुकूल मोबिलिटी पर बढ़ते फोकस के कारण, परिवहन के स्वच्छ विकल्पों को अपनाना जरूरी हो गया है। देश इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन सेल-आधारित वाहनों की ओर बढ़ रहा है, ऐसे में उत्सर्जन को कम करने के लिए एक फौरी समाधान की तत्काल जरूरत है। इसमें ‘ट्रांजिशन फ्यूल’ के रूप में मशहूर प्राकृतिक गैस
एक अहम भूमिका निभाती है। भारत की दिग्गज ऑटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स प्राकृतिक गैस से चलने वाले वाहनों के विकास में सक्रियता से योगदान दे रही है। नए-नए आविष्‍कार करने के लिए अपनी विशेषज्ञता और प्रतिबद्धता का लाभ उठाते हुए, टाटा मोटर्स भारत में पर्यावरण को बचाने वाले परिवहन समाधानों का रुख करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
नीति आयोग की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 2050 तक भारतीय सड़कों पर ट्रकों की संख्या चार गुना बढ़ जाएगी। इस रिपोर्ट में प्राकृतिक गैस-आधारित ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की सिफारिश की गई है। यह बदलाव वाणिज्यिक वाहन इंडस्ट्री में पर्यावरण,
सार्वजनिक स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिरता के मानकों को लागू करने के लिए जरूरी है। उत्सर्जन में कमी और ऊर्जा सुरक्षा के लिए समर्पित भारत, सक्रिय रूप से कम्‍प्रेस्‍ड नैचुरल गैस (सीएनजी) के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रहा है। सीएनजी किफायती होने के साथ ही भारत के कच्चे तेल के
आयात बिल में भी कमी लाती है। नए-नए आविष्‍कार करने और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन समाधानों के लिए समर्पित, टाटा मोटर्स कमर्शियल वाहन सेक्टर में सीएनजी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह पर्यावरण हितैषी और कुशल परिवहन
प्रणाली के लिए भारत की महत्‍वाकांक्षाओं के अनुरूप है। रिपोर्टों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 800 से अधिक सीएनजी स्टेशन हैं, जो स्वच्छ ईंधन विकल्पों की व्यापक पहुंच में योगदान करते हैं।
भारत इस बदलाव में सहयोग करने के लिए अपने प्राकृतिक गैस बुनियादी ढांचे में निवेश कर रहा है। 2030 तक 17,000 सीएनजी स्टेशनों को चालू करने की योजना है। गैस ग्रिड, अतिरिक्त एलएनजी टर्मिनल और बायो-सीएनजी के लिए एसएटीएटी योजना जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों का उद्देश्य प्राकृतिक गैस की आपूर्ति को सभी तक पहुंचाना है। टैक्स क्रेडिट और सब्सिडी जैसे
इंसेंटिव गैस आधारित वाहनों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करते हैं। नई प्राकृतिक गैस मूल्य निर्धारण प्रणाली को सरकार की मंजूरी से पेट्रोल और डीजल की तुलना में सीएनजी और सस्ती हो जाएगी जो भारत में पर्यावरण के अनुकूल परिवहन यात्रा को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।
टाटा मोटर्स के ट्रक डिवीजन के वाइस प्रेसिडेंट और बिजनेस हेड श्री राजेश कौल ने कहा कि “टाटा मोटर्स पर्यावरण की रक्षा करने वाले ईंधन का रुख करने के मामले में सबसे आगे है। सीएनजी से चलने वाले हमारे कमर्शियल वाहनों की रेंज और 2045 तक नेट ज़ीरो उत्सर्जन हासिल करने की प्रतिबद्धता के साथ हम सस्‍टेनेबल लॉजिस्टिक्स में भी नेतृत्‍व कर रहे हैं। ऑटो एक्सपो 2023 में प्राकृतिक गैस, बिजली और हाइड्रोजन ईंधन पर चलने वाले वाहनों का प्रदर्शन, परिवहन के भविष्य को आकार देने के लिए हमारे समर्पण को दर्शाता है। किफायती और पर्यावरण के अनुकूल होने तथा उपलब्‍धता के बढ़ने से जैसे-जैसे सीएनजी से चलने वाले वाहनों की मांग बढ़ रही है, हमें विश्वास है कि प्राकृतिक गैस इंडस्ट्री की शून्य-उत्सर्जन वाहनों की यात्रा में बड़ी भूमिका निभाएगी। हम एक साथ मिलकर हरियाली से भरपूर और ज्यादा बेहतर भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं।”

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