मुंबई: भारत में वाणिज्यिक वाहन बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी टाटा मोटर्स ने आज 5डब्ल्यू30 सिंथेटिक इंजन ऑयल को लॉन्च किया है, जिसे नये जनरेशन के बीएस6 डीजन इंजनों का परफॉर्मेंस बढ़ाने के लिये खासतौर से बनाया गया है। टाटा मोटर्स स्वामित्व की सबसे कम कुल लागत के साथ ग्राहकों को लगातार खुश रखने की अपनी कसौटी पर खरी उतरी है। 5डब्ल्यू30 सिंथेटिक इंजन ऑयल इंजन के जीवन को बढ़ाकर और हिलने वाले पार्ट्स के बीच घर्षण को कम करके उनकी विश्वसनीयता और टिकाऊपन को बेहतर बनाता है और उत्सर्जन के मामले में अनुपालन में भी सुधार करता है। यह ट्रांसपोर्टर के लिये सड़क पर व्हीकल अपटाइम बढ़ता है, जिससे उसे ज्यादा आमदनी और फायदे होते हैं।
नये 5डब्ल्यू30 सिंथेटिक इंजन ऑयल का तीन साल तक विभिन्न कठोर स्थितियों में व्यापक परीक्षण हुआ है। इसके साथ मुश्किल इलाकों में दस लाख किलोमीटर से ज्यादा ड्राइविंग की गई है और पावरट्रेन के परीक्षण की सुविधाओं में 35,000 घंटे से ज्यादा समय बिताया गया है। इसमें हाई-परफॉर्मेंस पॉलीमर के एक अत्याधुनिक एडिटिव टेक्नोलॉजी के साथ समृद्ध मिश्रण का उपयोग किया गया है, जिसे ग्रुप 3 बेस ऑयल में मिलाया जाता है।
इस मौके पर टाटा मोटर्स के प्रेसिडेंट एवं सीटीओ श्री राजेन्द्र पेटकर ने कहा, “स्थायित्व आज केवल एक रूझान नहीं, बल्कि वास्तविक आवश्यकता बन चुका है। टाटा मोटर्स में हम जो भी बनाते हैं, उसका मूल स्थायित्व ही है। एक प्रभावी और सक्षम इंजन ऑइल किसी वाहन के कार्बन उत्सर्जन को कम करने के सबसे सुविधाजनक और किफायती तरीकों में से एक है। सड़कों पर चल रहे सभी वाणिज्यिक वाहनों में न्यायसंगत तरीके से किये गये ऐसे साधारण उपायों का संयुक्त परिणाम कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में बड़ा सुधार करेगा। इंजीनियरिंग रिसर्च सेंटर (ईआरसी) में हमारी टीम आंतरिक आधार पर लुब्रिकेंट फॉर्मूलेशंस की इंजीनियरिंग और विकास कर रही है और इसके लिये एडिटिव विनिर्माण के क्षेत्र के रणनीतिक भागीदारों के साथ मिलकर काम कर रही है। इस प्रकार हम सभी ऐसे अभिनव रास्तों पर चल रहे हैं जिन्हें एक्स्प्लोर नहीं किया गया है और यह उत्पाद ऐसे ही एक दृष्टिकोण का परिणाम है।”
वैश्विक प्राथमिकताएं अब पर्यावरणीय, सामाजिक और अभिशासकीय (ईएसजी) कारकों पर ज्यादा केन्द्रित हो रही हैं। उत्सर्जन के 2005 के स्तर से 2030 तक उसकी तीव्रता को अपने जीडीपी से 45 प्रतिशत तक कम करने के लिये अपनी प्रतिबद्धता के साथ भारत ने भी कार्बन फुटप्रिंट को कम करना अपनी राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाया है।
टाटा मोटर्स ने भी समग्र स्थायित्व के विचार के साथ ईएसजी की आकांक्षाओं को परिभाषित करने का अपना सफर शुरू कर दिया है। सिंथेटिक इंजन ऑयल की पेशकश प्रदूषण-रहित और हरियाली को बढ़ावा देने वाले विकल्पों की आपूर्ति की दिशा में कंपनी का एक कदम है, चाहे वाहन कोई भी हों। यह बेहतर ईंधन दक्षता देते हैं, लंबे ड्रेन इंटरवल प्रदान करते हैं और इंजन की टूट-फूट से सुरक्षा करते हैं, इससे वाहनों का कार्बन फुटप्रिंट कम होगा।
टाटा मोटर्स क्षमता सुधार, ऊर्जा के वैकल्पिक और नये नजरियों, सुरक्षा, डिजिटाइजेशन और केबिन के भीतर के अनुभवों जैसे क्षेत्रों में कनेक्टेड व्हीकल टेक्नोलॉजीज और महत्व बढ़ाने के अन्य तरीकों में अपनी महारथ के द्वारा उद्योग में टेक्नोलॉजी के मामले में बदलावों का नेतृत्व कर रही है। इन सभी को मिलाकर, परिवहन के अभिनव समाधानों के विकास के उसके व्यवसाय के हर पहलू में स्थायित्वपूर्ण पद्धतियों को संस्थागत बनाया जा रहा है।