अवधनामा संवाददाता
रिपोर्ट के इन्तजार में जरा सी लापरवाही पड़ सकती है भारी
ललितपुर। (Lalitpur) जनपद निवासी मनोज (बदला हुआ नाम) बताते हैं कि कुछ दिन पहले उन्हें बुखार, खांसी और कमजोरी हो रही थी। टाइफाइड और मलेरिया का चेकअप कराया, जिसमें टाइफाइड कि पुष्टि हुई। इसके साथ ही एंटीजेन में वह पॉजिटिव पाए गये। होम आइसोलेशन में रहकर उन्होंने अपना इलाज कराया। कुछ ऐसे ही लक्षण उनकी माताजी को भी थे लेकिन एंटीजेन में उनका रिपोर्ट निगेटिव थी। रिपोर्ट पर यकीन करके उन्होंने माता जी का इलाज नहीं कराया और लक्षण बने रहे। कुछ ही दिनों में उन्हें सांस लेने में दिक्कत शुरू हुई और उनको बचाया नहीं जा सका। महामारी रोग विशेषज्ञ डा.देशराज का कहना है कि यह समय पूरे देश और जनपद के लिए मुश्किल भरा है। इस समय आम जनता के साथ ही कई स्वास्थ्यकर्मी भी इस संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। जरूरी है कि समय रहते इसके लक्षण कि पहचान करें और टेस्ट कराएं। उन्होंने बताया कि अगर टेस्ट की रिपोर्ट आने में विलम्ब है तो कोरोना के लिए निर्धारित दवाएं लेकर इलाज शुरू कर दें। दवा समय रहते लेने से यह संक्रमण फेंफड़ों तक नहीं पहुंच पता है और घर पर ही मरीज ठीक हो जाता है। साथ ही ई-संजीविनी सुविधा से भी लोग घर बैठे एंड्राइड फोन पर ही डॉक्टर से सलाह लेकर तुरंत उपचार शुरू कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस बार कोरोना वायरस ने अपना रूप बदल लिया है। पहले एक पाजिटिव व्यक्ति से 3 या 4 लोगों को संक्रमण होने की संभावना होती थी लेकिन अब यह संभावना 9 से 10 पहुंच गई है। टेस्ट कराने पर भी कई बार आरटीपीसीआर टेस्ट और एंटीजेन टेस्ट निगेटिव आता है। बुखार, खांसी, लगातार रहने पर जरूरी है कि कोरोना के लिए निर्धारित दवा का सेवन शुरू कर दें।
इस बार कोरोना के लक्षण
गले में खराश, बुखार और सूखी खांसी, सिरदर्द, डायरिया, थकान और कमजोरी रहना, सूंघने और स्वाद का एहसास नहीं होना है।
दवाओं की सूची इस प्रकार है
आइवेर्मेक्टिन की 12 एमजी की एक गोली दिन में खाने के बाद एक बार लगातार तीन दिन के लिए, एजिथ्रोमायसिन की 500 एमजी एक गोली दिन में खाने के बाद एक बार लगातार तीन दिन के लिए, डोक्सी 100 एमजी की गोली दिन में दो बार 10 दिन के लिए, क्रोसिन 650 एमजी दिन में 4 बार 3 दिन के लिए या शरीर दर्द, बुखार आने पर, लिम्सी 500 एमजी (एसकोर्बिक एसिड 500 एमजी) रोज एक 10 दिन के लिए, जिंकोनिया 50 एमजी (एलेमेंटल जिंक 50 एमजी) रोज एक 10 दिन के लिए, कैलसिरोल सचेट हफ्ते में एक बार 6 हफ्तों के लिए।
साथ ही यह भी करें
3 से 4 लीटर पानी पिएं, दिन में दो से चार बार भाप लें, ओक्सीमीटर से लगातार ऑक्सीजन लेवल पर नजर रखें, 8 घंटे की नींद लें और योगासन करें, ऑक्सीजन का लेवल 94 सामान्य माना जाता है, अगर 90 से नीचे से जाता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इस समय जनपद में 2965 एक्टिव कोरोना मरीज हैं 2081 होम आइसोलेशन में हैं और 5696 लोग ठीक हो चुके हैं।
इन्होने समय रहते लिया इलाज
25 वर्षीय रचना महावीर नेत्र चिकित्सालय में ऑपटोमेटरिस्ट के रूप में कार्य करती हैं। वह बताती हैं कि अप्रैल के शुरुआत में उन्हें गले में दर्द और हल्का बुखार आया। समझदारी दिखाते हुए उन्होंने अपने आप को पूरे परिवार से अलग कर लिया और एक कमरे में आईसोलेट हो गई7 अगले दिन उन्होंने आरटीपीसीआर टेस्ट कराया लेकिन रिपोर्ट देर से आने की वजह से उन्होंने डॉक्टर की सलाह पर कोरोना पाजिटिव होने पर ली जाने वाली दवाई को लेना शुरू कर दिया। वह बताती हैं कि बीमार रहने की अवधि में कई बार उनका ऑक्सीजन लेवल 80 से 85 गया, इस दौरान उन्होंने प्रोनिंग (पेट के बल लेट कर साँस लेना) प्रक्रिया से साँस ली और 10 दिन के बाद उन्होंने टेस्ट कराया तो उनका टेस्ट निगेटिव आया था। 45 वर्षीय गगन जैन पेशे से कारोबारी हैं, कुछ समय पूर्व उनकी पत्नी और भाई कोविड पॉजिटिव हुए थे। उस समय पूरे परिवार का एंटीजेन चेकअप हुआ तो उन दोनों को छोड़ कर सबकी रिपोर्ट निगेटिव थी। उन्हें गले में खराश और सूखी खांसी आती रही। उन्होंने बताया कि बिना देर किये उन्होंने कोरोना कि बताई हुई दवा लेना शुरू कर दिया और घर में ही आइसोलेट हो गये। अब उन्हें किसी भी तरह की गले में दिक्कत नहीं है।