- अस्पतालों में बेड की उपलब्धता की सही जानकारी केंद्र के जरिये मिल जाएगी
- अपने मन से मरीज को लेकर बिना जानकारी किसी अस्पताल में पहुंचना जानलेवा साबित हो सकता है
- होम आइसोलेशन में मरीज को परेशानी हो तो अस्पताल ले जाने में न हिचकिचाएं
अवधनामा संवाददाता
गोरखपुर। (Gorakhpur) मुख्य चिकित्साधिकारी डा.सुधाकर पांडेय ने कोविड पीड़ित लोगों के परिजनों से अपील की है कि अगर उनके मरीज को अस्पताल में भर्ती कराना है तो इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर (आईसीसीसी) की मदद लें। आईसीसीसी के हेल्पलाइन नंबर्स पर फोन करने पर बेड की उपलब्धता की जानकारी मिलने के साथ-साथ मरीज को भर्ती कराने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा है कि अपने मन से मरीज को किसी भी अस्पताल में ले जाना उसके जान पर भारी पड़ सकता है। होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड मरीज को अगर किसी किस्म की परेशानी हो तो अस्पताल ले जाने में बिल्कुल न हिचकिचाएं लेकिन अपने मन से अस्पताल न ले जाएं। ऐसा करने पर अगर संबंधित अस्पताल में बेड की दिक्कत हुई तो इलाज में देरी खतरनाक हो सकती है।
सीएमओ ने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की मदद के लिए जिले में रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) को सक्रिय किया गया है। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को ऑक्सीजन का स्तर चेक करते रहना चाहिए। अगर यह स्तर 95 से नीचे आ रहा है तो फौरन आरआरटी को बताएं और मरीज को भर्ती करवाने के लिए आईसीसीसी के हेल्पलाइन नंबर 9532797104, 9532041482, 0551-2202205 और 0551-2204196 पर सूचित कर दें। यह नंबर 24 घंटे क्रियाशील रहते हैं। इन पर सूचना मिलने के बाद एंबुलेंस, सुलभ अस्पताल तक पहुंचाने की सुविधा और अन्य सभी मार्गदर्शन मिल सकेंगे।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कोविड मरीजों के परिजन यह सुनिश्चित कर लें कि मरीज के जांच की रिपोर्ट उनके पास अवश्य उपलब्ध रहे ताकि समय की बचत हो सके। होम आइसोलेशन के दौरान परिवार के बाकी सदस्य मॉस्क अवश्य पहनें। घर से बाहर न निकलें। हाथों की स्वच्छता का खासतौर से ध्यान रखें। कोविड मरीज के संपर्क में आए लोगों के बारे में सर्विलांस टीम को सही-सही जानकारी दें ताकि बीमारी की रोकथाम में मदद मिल सके।
ऐसे मिलेगी सुविधा
आईसीसीसी से जुड़ीं उप जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी सुनीता पटेल ने बताया कि सभी सरकारी और निजी अस्पतालों के सामान्य बेड एवं आईसीयू बेड की उपलब्धता के बारे में जानकारी इस केंद्र पर अपडेट रहती है। अगर मरीज के परिजन फोन करते हैं तो उनको मरीज भर्ती कराने में मदद की जाती है और मरीज को ऐसे अस्पताल में भिजवाया जाता है जहां बेड उपलब्ध हों। समय नष्ट न होने से मरीज के जीवन का खतरा कम हो जाता है। उन्होंने बताया कि मरीजों के परिजन उप जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी के मोबाइल नंबर 7518513339 पर भी विशेष परिस्थिति में संपर्क कर मदद ले सकते हैं। कोविड काल में केंद्र की मदद से करीब 1600 मरीजों को अस्पताल में भर्ती करवाने में सहयोग किया गया। कई मरीजों को पीजीआई और नई दिल्ली के उच्च चिकित्सा केंद्रों तक भेजने में भी आईसीसीसी ने मदद की है। जो लोग भी संपर्क करेंगे उनकी पूरी मदद की जाएगी।
आईसीसीसी के जरिये आने के फायदे
• आईसीसीसी के जरिये यह पता चल जाता है कि सामान्य बेड कहां खाली है और आईसीयू बेड कहां खाली है। मरीज बेड की आवश्यकतानुसार सही अस्पताल तक पहुंच जाता है।
• अगर मरीज के लिए स्थानीय स्तर पर सुविधा नहीं है तो उच्च चिकित्सा केंद्र जाने की सलाह दी जाती है।
• मरीज के बारे में आईसीसी पहले से ही संबंधित अस्पताल के हेल्प डेस्क से बात करके तैयारी रखता जिससे भर्ती होने में कम समय लगता है।
सीधे भर्ती होने के प्रयास का नुकसान
• अचानक किसी अस्पताल पर पहुंचने पर अगर बेड खाली नहीं मिला तो मरीज की जान को खतरा हो सकता है।
• भर्ती होने में प्रक्रियागत समय ज्यादा लगता है। जिले से बाहर चिकित्सा सुविधा प्राप्त करने में भी समय नष्ट होता है।
• सही और सटीक मार्गदर्शन नहीं मिल पाता है और मरीज के परिजन भटकते रहते हैं।
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