ताइपे। चीन के खतरे को देखते हुए ताइवान अपनी सुरक्षा को मजबूत करने की कोशिश में लगा हुआ है। इसी कोशिश के तहत ताइवान ने सभी मिलिट्री बेस की सुरक्षा को चाक चौबंद करने के लिए सुरक्षा ठिकानों के आस-पास ड्रोन को उड़ाने पर पाबंदी लगा दी है। इस नियम की अनदेखी करने वालों पर 3 लाख ताइवानी डालर का जुर्माना लगाया जाएगा। ताइवान ने ये फैसला सुरक्षा ठिकानों के आस-पास उड़ान भरने वाले चीन के ड्रोन को देखते हुए किया है।
डेमाक्रेटिक प्राग्रेसिव पार्टी के सांसद वांग टिंग यू और मिशेली लिन का कहना है कि उन्होंने इसका प्रस्ताव रखा है क्योंकि मिलिट्री ड्रिल के दौरान अंतिसंवेदनशील ठिकानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रशासनिक आदेश के बाद बढ़ाई जा सकती है। इस तरह का एक आदेश पहले ही कानूनी तौर पर पास कर दिया गया है। इस बारे में किसी तरह के मतभेद होने पर ही इसको बदला जा सकता है।
सुरक्षा बढ़ाने की तैयारी
इस ड्राफ्ट में कई बातों का जिक्र किया गया है जिसमें पेट्रोलिंग, सुरक्षा के उपायों, सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह समझौता करने और सिविलियन ड्रोन के सुरक्षा ठिकानों के आसपास उड़ाने पर प्रतिबंध शामिल है। बता दें कि हाल के कुछ समय में ताइवान के सुरक्षा ठिकानों के आस-पास कई बार ड्रोन की मौजूदगी देखी गई है। ताइवान का मानना है कि ये ड्रोन चीन द्वारा भेजे जा रहे हैं। अब जो ड्राफ्ट पेश किया गया है कि उस पर नेशनल डिफेंस और फोरन अफेयर्स कमेटी में विचार विमर्श किया जाएगा।
चाक-चौबंद होगी सुरक्षा
वांग और लिन का कहना है कि इस ड्राफ्ट के जरिए देश की सुरक्षा को चाक चौबंद किया जा सकेगा और जरूरी कार्रवाई भी की जा सकेगी। इस ड्राफ्ट में राष्ट्रपति निवास के अलावा नेशनल सिक्योरिटी ब्यूरो की सुरक्षा को चाक चौबंद करने का भी जिक्र किया गया है। इस ड्राफ्ट के पास होने के बाद मिलिट्री ठिकानों में कोई भी बिना इजाजत नहीं जा सकेगा। यदि ऐसा हुआ तो उस पर 40 हजार ताइवानी डालर का जुर्माना लगाया जा सकेगा। पहली वार्निंग के तहत उसको तुरंत बेस से बाहर जाने के लिए कहा जाएगा। यदि इसका पालन नहीं हुआ तो उस पर 4 लाख ताइवानी डालर तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा। इसी तरह से मिलिट्री बेस और ट्रेनिंग एरिया के आसपास ड्रोन को उड़ाना भी प्रतिबंधित हो जाएगा।
हथियारों का इस्तेमाल
इस ड्राफ्ट में उन हालातों का भी जिक्र किया गया है जिनके तहत सेना के जवान या सुरक्षा अधिकारी हथियारों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके तहत बेस कमांडर के आदेश के बाद ही जवान हथियारों का इस्तेमाल कर सकेंगे। सुरक्षाकर्मी को पहले किसी भी घुसपैठिए की रिपोर्ट तुरंत बेस कमांडर को देनी होगी। इस ड्राफ्ट के जरिए बेस की फोटो खींचना, उसका नक्शा या स्केच तैयार करना, रिकार्डिंग करना भी बैन कर दिया जाएगा।