अवधनामा संवाददाता हिफजुर्रहमान
राहगीरों को हो रही भारी परेशानी
मौदहा हमीरपुर। आमजन को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना सरकार की पहली प्राथमिकता होती है लेकिन जब यही सुविधाएं आमजन की परेशानी का कारण बन जाएं तो इन्हें क्या कहा जाएगा।ऐसा ही कुछ रेलवे द्वारा बनाए गए अण्डर पासिंग ब्रिजों का है जो हल्की बारिश में स्वीमिंग पूल का रूप धारण कर लेते हैं जिनसे आमजन को परेशानी का सामना करना पडता है तो वहीं लोगों को तहसील मुख्यालय आने के लिए लम्बा चक्कर काटना पडता है।
क्षेत्र के लोगों को आवागमन की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने और ट्रेन निकलने के समय रेलवे क्रासिंग पर लगने वाले जाम के झाम से लोगों को छुटकारा दिलाने के उद्देश्य से रेलवे ने लगभग सभी रेलवे क्रासिंगों पर अण्डर पास बनाने का काम किया था।लेकिन रेलवे विभाग को भी यह अंदाजा नहीं था कि यही अण्डर पास आमजन के लिए मुसीबत का कारण बन सकते हैं।
रेलवे द्वारा बनाए गए अण्डर पास ब्रिज हल्की बारिश में ही स्वीमिंग पूल का रूप धारण कर लेते हैं जिससे क्षेत्र के लगभग आधा सैडका गावों का तहसील मुख्यालय से सम्पर्क पूरी तरह से कट जाता है और चिकित्सा तथा शिक्षा सहित अन्य आवश्यक कार्यों से आने वाले लोगों और छात्र छात्राओं को या तो लम्बी दूरी तय कर बडा़ चक्कर काट कर आना पडता है या तो जान जोखिम में डालकर रेलवे लाईन से अपने वाहनों को निकालने पडते हैं।हालांकि इससे हादसे होने की सम्भावना भी बनी रहती है और इसके पहले भी रेलवे अण्डर पास मे डूब कर मरने की घटना भी हो चुकी है।
कोतवाली क्षेत्र के ग्राम तिंदुही, अरतरा, गुरदहा और करहय्या के निकट बने अण्डर पासों में पानी भर जाने के कारण तिंदुही, अरतरा, परछछ, तिलसरस,खण्डेह, करहय्या, छिमौली, गुरदहा सहित दर्जनों गांवों का सम्पर्क तहसील मुख्यालय से पूरी तरह से कट गया है।
नहीं मिल पा रही चिकित्सा सेवा
मौदहा हमीरपुर।रेलवे अण्डर पासिंग ब्रिजों के पानी से लबालब भर जाने के कारण सबसे अधिक प्रभावित चिकित्सा सेवा हो रही है अगर कोई व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार या कोई गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा से तडप रही है तो भी इन गांवों में एम्बुलेंस को पहुंचने के लिए लम्बा चक्कर लगाना पडता है जिससे उनकी जान को खतरा बना रहता है।ऐसे ही मामले में बुधवार की शाम हुई तेज बारिश की वजह से कोतवाली क्षेत्र के परछछ गांव में आकाशीय बिजली गिरने से चार लोगों के घायल होने की सूचना मिली थी लेकिन अण्डर पासिंग ब्रिज के पानी से भरे होने के कारण घायलों को इलाज के लिए कस्बे के सरकारी अस्पताल तक नहीं लाया जा सका है और लोगों को गांव में ही झोला छाप डाक्टरों से इलाज कराने के लिए मजबूर होना पडा।
अरतरा निवासी बरदानी पाल ने बताया कि यह समस्या हर साल की है रेलवे को फोन किया जाता है तो कहते हैं कि पानी निकालने का काम किया जा रहा है लेकिन काम होता नहीं है अभी एक मरीज को इंगोहटा के रास्ते लेकर गए हैं और एक अधिकारी आए थे अरतरा जा रहे थे शायद शिक्षा विभाग के अधिकारी थे पहले कुछ दूर पैदल गये है फिर बाईक मंगवाकर बाईक से अरतरा गए हैं।
मुण्डेरा गांव निवासी बब्बन ने बताया कि वह दूध का व्यापार करते हैं और दूध के कंटेनर लेकर कस्बे जा रहे थे लेकिन अब पानी भर जाने के कारण उन्हें बहुत परेशानी हो रही है।और जान जोखिम में डालकर रेलवे लाईन को पार कर रहे हैं जिससे डर बना हुआ है लेकिन क्या करें अगर दूध समय से नहीं पहुंचा तो दूध खराब होने से उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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