स्वर्ण प्राशन एक प्राचीन विधा जो आज के लिए है बहुत जरूरी- महापौर ऋषिकेश उपाध्याय                                                                             

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Swarna Prashan is an ancient discipline which is very important for today - Mayor Rishikesh Upadhyay

अवधनामा संवाददाता

अयोध्या (Ayodhya)। स्वर्ण प्राशन संस्कार सदियों की विधा है जिस प्रकार शरीर के लिए विटामिन कैल्शियम आदि की आवश्यकता पड़ती है उसी प्रकार से शरीर को स्वर्ण की पूर्ति करा कर हम अपने शरीर को बुद्धि को विवेक को सुदृढ़ बना सकते हैं।
  यह विचार रविवार को साकेत पुरी स्थित अनंत शिखर में स्वर्ण प्राशन कार्यक्रम में महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने व्यक्त किए। इसके पहले संयुक्त विकास आयुक्त अनुराग मिश्रा एवं सचिव अयोध्या विकास प्राधिकरण आरपी सिंह के द्वारा आयुर्वेद के जनक धनवंतरी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर दीप प्रज्वलन किया गया। तत्पश्चात बाहर से आए आयुर्वेद मर्मज्ञ द्वारा बच्चों की जांच करने के बाद महापौर ऋषिकेश उपाध्याय द्वारा 11 बच्चों को स्वर्ण प्राशन की दवा पिलाकर शुभारंभ किया गया। अपने उद्बोधन में महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने कहा कि यह कार्यक्रम बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा एवं मील का पत्थर साबित होगा। सभी बच्चों के मां-बाप को चाहिए कि इस कार्यक्रम का लाभ जरूर उठायें । डॉक्टर जी श्री पाठक ने भी अपने हाथों से बच्चों को सड़क राशि की दवा पिलाई।                                              कार्यक्रम के व्यवस्थापक वैद्य आर पी पांडे ने बताया कि स्वर्ण प्राशन से बच्चों के मस्तिष्क का समुचित विकास होता है। उनकी स्मरण शक्ति बढ़ जाती है साथ ही साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है जिससे शरीर रोग विहीन रहता है जो मानव जीवन की अमूल्य धरोहर है। सभी बच्चों को स्वर्ण प्राशन की 6 खुराक आवश्यक होती है। इसके पश्चात बच्चों के स्वास्थ्य स्मरण शक्ति एवं विवेक में परिवर्तन स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगता है। हमारा प्रयास है कि सभी बच्चों को स्वर्ण प्राशन की दवा खिलाकर उसे निरोगी बनाया जाय। कोरोना काल में स्वर्ण प्राशन संस्कार की आवश्यकता बढ़ गई है और इसी तरह देश के कई स्थानों पर भी कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।  कार्यक्रम में लगभग 150 बच्चों को स्वर्ण प्राशन की दवा पिलाने के बाद निर्धारित समय के बाद उन्हें खीर भी खिलाई गई। कार्यक्रम में सुशील पांडे राजेन्द्र तिवारी  पवन पांडे  मीसम खान संतोष एवं लखनऊ से अजीत श्रीवास्तव  गुजरात फार्मा से अमित कुमार पांडे  बलरामपुर से राजमणि तिवारी  अब्रो फार्मा से सर्वेश कुमार सिंह  एके राय  शिप्रा ज्ञान यादव अखिलेश शुक्ला का विशेष योगदान रहा।
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