नई दिल्ली । उत्तराखंड के हरिद्वार में हेट स्पीच मामले में सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने राज्य सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। अदालत ने सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 22 अप्रैल तक का समय दिया है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि इस मामले में चार केस दर्ज किए जा चुके हैं।
हिमाचल प्रदेश में धर्म संसद पर रोक की मांग
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस एएस ओका की बेंच को बताया कि 17 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश में भी इसी तरह का कार्यक्रम होना है। सिब्बल ने कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग की है। उधर, शीर्ष अदालत ने कहा कि आवेदक राज्य में संबंधित अधिकारियों को घटना के बारे में सूचना देने के लिए स्वतंत्र है। सिब्बल ने अदालत को बताया था कि अलीगढ़ में एक धर्म संसद होनी है। अदालत ने इस पर कहा कि याचिकाकर्ता इस तरह की घटनाओं के बारे में स्थानीय अधिकारियों को सूचित कर सकते हैं।
12 जनवरी को दिया था नोटिस
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 12 जनवरी को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया था। याचिका में हरिद्वार और दिल्ली में आयोजित दो कार्यक्रमों के दौरान कथित रूप से अभद्र टिप्पणी करने वालों के खिलाफ जांच और कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
पत्रकार कुरबान अली, पटना हाईकोर्ट के पूर्व जज और वरिष्ठ वकील अंजना प्रकाश ने इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ताओं ने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हेट स्पीच को लेकर एसआईटी को स्वतंत्र, विश्वसनीय और निष्पक्ष जांच का निर्देश देने की मांग की थी।
बुधवार को सुनवाई के दौरान उत्तराखंड की ओर से पेश वकील ने मामले में जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा। उन्होंने कहा, ‘आज वापसी की तारीख है। हम राज्य के लिए हैं। हम जवाबी दाखिल करने के लिए कुछ समय मांग रहे हैं।’ उन्होंने अदालत को बताया, ‘हमने मामले में चार एफआईआर दर्ज की है, जिनें से तीन मामलों में चार्जशीट फाइल कर दी है। इस मामले में जल्द ही स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेंगे। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने उत्तराखंड के वकील को 22 अप्रैल तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
बीते साल हरिद्वार में हुई थी धर्म संसद
गौरतलब है कि हरिद्वार में बीते साल दिसंबर धर्म संसद का आयोजन हुआ था। इसमें हेट स्पीच के वीडियो काफी वायरल हुए थे। हरिद्वार पुलिस ने इस मामले में कुछ आरोपियों के खिलाफ केस भी दर्ज किया था।