कुशीनगर। सुप्रीम कोर्ट ने इंजील वादी डॉ. के.ए. पॉल द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) खारिज कर दी, जिसमें भारतीय चुनावों में फिजिकल बैलेट पेपर से मतदान फिर से शुरू करने की मांग की गई थी।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति पीबी वराले की पीठ ने मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान डॉ. पॉल ने तर्क दिया कि संयुक्त राज्य अमेरिका सहित अधिकांश देशों ने फिजिकल वोटिंग सिस्टम को चुना है। उन्होने कहा कि अधिकांश देश फिजिकल बैलेट सिस्टम का पालन करते है और भारत को भी इस पर विचार करना चाहिए। न्यायमूर्ति नाथ ने डॉ पाल के सवाल पर हस्तक्षेप करते हुए कहा कि ‘‘हमें अन्य देशों का अनुसरण क्यों करना चाहिए। न्यायमूर्ति नाथ ने दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि ‘‘जब राजनीतिक नेता हारते है तो वे दावा करते है कि ईवीएम से छेड़छाड़ की गई है, जब वे जीतते है तो वे कुछ नहीं कहते ’’ यह अदालत ऐसे काल्पनिक दावों पर विचार नहीं कर सकती’’। पीठ ने अंततः निष्कर्ष निकाला कि जनहित याचिका में पर्याप्त योग्यता नहीं है और इसे खारिज करते हुए सुनवाई समाप्त कर दी।
Also read