सीजेआई चंद्रचूड़ ने दिलाई शपथ; 4 फरवरी को केंद्र ने अपॉइंटमेंट की मंजूरी दी थी
दिल्ली। नए न्यायाधीशों को सोमवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) धनंजय वाई चंद्रचूड़ द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के जज के रूप में शपथ दिलाई गयी है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने न्यायमूर्ति पंकज मित्तल, न्यायमूर्ति संजय करोल, न्यायमूर्ति संजय कुमार, न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पद की शपथ दिलाई गयी है।
आज पांचों जजों ने शपथ लिया। जिन पांच नामों को मंजूरी दी गई है, उनमें राजस्थान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पंकज मित्तल, पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल, मणिपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पीवी संजय कुमार, पटना हाईकोर्ट के जस्टिस अहसानुद्दील अमानुल्लाह और इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस मनोज मिश्रा का नाम शामिल है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद 4 फरवरी को केंद्र ने शीर्ष कोर्ट में पांच जजों की नियुक्ति को मंजूरी दी थी। खुद कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी थी। उन्होंने लिखा- भारत के संविधान के तहत राष्ट्रपति ने हाईकोर्ट के पांच जजों को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति किया है। मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। पांचों जज 6 फरवरी को शपथ लेंगे।
पांच न्यायाधीशों की नियुक्ति के साथ, शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की कुल संख्या बढ़कर 32 हो गई है, जो पूरी क्षमता से दो कम है। 13 दिसंबर, 2022 को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नति के लिए उनके नामों की सिफारिश की गई थी।
जस्टिस पंकज मित्तल- राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं। इससे पहले वह जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस थे। इससे पहले वह इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस थे। मित्तल को साल 1985 में बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में शामिल किया गया था।
जस्टिस संजय करोल- नवंबर 2019 से पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं। इससे पहले, उन्हें त्रिपुरा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त किया गया था। वह हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में कार्यवाहक चीफ जस्टिस के तौर पर काम कर चुके हैं।
जस्टिस पीवी संजय कुमार- 2021 से मणिपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं। इससे पहले वह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में जस्टिस थे। उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में भी जस्टिस के रूप में काम किया है। संजय कुमार को अगस्त 1988 में आंध्र प्रदेश की बार काउंसिल के मेंबर के रूप में शामिल किया गया था।
जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह- पटना हाईकोर्ट के जस्टिस हैं। 2011 में पटना हाईकोर्ट में जस्टिस बनकर पहुंचे, फिर 2021 में उनका ट्रांसफर आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में कर दिया गया। इसके बाद, उन्हें जून 2022 में दोबारा पटना हाईकोर्ट में भेजा गया। जस्टिस अमानुल्लाह को सितंबर 1991 में बिहार स्टेट बार काउंसिल में शामिल किया गया था।
जस्टिस मनोज मिश्रा- इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस हैं। उन्होंने साल 2011 में जस्टिस के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के दीवानी, राजस्व, आपराधिक और संवैधानिक पक्षों में अभ्यास किया है।