Wednesday, September 17, 2025
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विकसित उत्तर प्रदेश विकसित भारत -2047अभियान में विजय डाक्यूमेंट् तैयार करने में शिक्षकों से मांगे गए सुझाव

कृषक सुरेन्द्र बहादुर सिंह ने संरक्षित खेती में नई मिसाल पेश की

एकीकृत बागवानी विकास मिशन

जनपद में संचालित एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के अन्तर्गत कृषकों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने एवं उनकी आय दोगुनी करने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। विकास खंड सिंहपुर के ग्राम सिंहपुर निवासी कृषक सुरेन्द्र बहादुर सिंह ने योजना का लाभ लेकर संरक्षित खेती के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है। श्री सिंह ने संरक्षित खेती कार्यक्रम के तहत आवेदन कर 4000 वर्गमीटर क्षेत्रफल में पॉलीहाउस का निर्माण कराया। इस पॉलीहाउस में उन्होंने तीन माह में संकर खीरा का उत्पादन कर 600 क्विंटल उपज प्राप्त की, जिसे लखनऊ मंडी में विक्रय कर उन्होंने लगभग ₹9 लाख की आय अर्जित की।

श्री सिंह ने पॉलीहाउस में बाह्य वातावरणीय कारकों को न्यून कर इंटरक्रॉपिंग पद्धति से धनिया, मूली, गोभी जैसी सब्जियों का भी उत्पादन किया, जिससे उन्हें ₹4 लाख की अतिरिक्त आय प्राप्त हुई। उद्यान विभाग द्वारा एकीकृत बागवानी विकास मिशन के अंतर्गत ₹19.68 लाख का अनुदान भी उन्हें प्रदान किया गया है। इस आर्थिक सहयोग और आधुनिक तकनीक के प्रयोग से श्री सिंह आज खेती में नए आयाम स्थापित कर रहे हैं तथा जनपद के अन्य किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गए हैं। मुख्य विकास अधिकारी ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि जनपद के अधिक से अधिक पात्र कृषक इस योजना का लाभ लें।

उन्होंने उद्यान विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि शासनादेश में वर्णित पात्रता के अनुसार सभी पात्र लाभार्थियों तक योजना का लाभ पहुंचाया जाए, जिससे आय बढ़ाने के साथ ही स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित हों। जिलाधिकारी ने कहा कि एकीकृत बागवानी विकास मिशन जैसी योजनाएं कृषकों को पारंपरिक खेती से आधुनिक तकनीक की ओर अग्रसर करती हैं। इससे न केवल उत्पादन में वृद्धि होती है बल्कि किसानों को बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ भी मिलता है। ऐसे सफल प्रयासों से ही “आत्मनिर्भर कृषक – आत्मनिर्भर भारत” का लक्ष्य साकार होगा। जनपद प्रशासन का प्रयास है कि संरक्षित खेती, फल-सब्जी प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन की तकनीकों को अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाया जाए, जिससे वे भी श्री सिंह की भांति अपनी आय में वृद्धि कर सकें और कृषि को एक सफल उद्यम के रूप में आगे बढ़ा सकें।

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