बाबू बनारसी दास यूनिवर्सिटी (BBDU), लखनऊ में 30 मई को “विश्व तंबाकू निषेध दिवस” के अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) इकाई के तत्वावधान में एक प्रभावशाली जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को तंबाकू सेवन के दुष्प्रभावों से अवगत कराना और उन्हें इससे दूर रहने के लिए प्रेरित करना था। इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा घोषित थीम “Protecting Children from Tobacco Industry Interference” के अंतर्गत यह संदेश दिया गया कि तंबाकू उद्योग किस प्रकार बच्चों और किशोरों को लक्ष्य बनाकर अपने उत्पादों को आकर्षक रूप में प्रचारित करता है।
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉ. श्वेता सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर – डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री एवं टम्बैको सेसेशन सेंटर इंचार्ज, बीबीडी कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज़ रहीं। उन्होंने तंबाकू सेवन से उत्पन्न स्वास्थ्य समस्याओं, विशेषकर युवाओं पर पड़ने वाले प्रभावों को वैज्ञानिक तथ्यों के साथ विस्तारपूर्वक प्रस्तुत किया। साथ ही उन्होंने तंबाकू उद्योग द्वारा अपनाई जाने वाली भ्रामक प्रचार-प्रसार की रणनीतियों की आलोचना करते हुए छात्रों से सतर्क और जागरूक रहने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में बीबीडी यूनिवर्सिटी के कई वरिष्ठ पदाधिकारी, शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राएँ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। प्रमुख अतिथियों में डॉ. एस. अहमद अली (डीन, स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज़ एवं निदेशक, IQAC), डॉ. प्रभास चंद्र पाठक, डॉ. स्वाति, डॉ. प्रमोद कुमार सिंह (NSS कार्यक्रम अधिकारी एवं संयोजक), डॉ. सय्यद अनस, प्रो. चंचल निगम, डॉ. कौसलीन, डॉ. राजेश कुमार वर्मा और प्रो. संदीप सिंह सहित अनेक संकाय सदस्यगण शामिल थे। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. प्रमोद कुमार सिंह द्वारा किया गया, जिनके मार्गदर्शन में यह आयोजन अनुशासित व प्रभावी ढंग से संपन्न हुआ।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न शैक्षणिक और संवादात्मक गतिविधियाँ आयोजित की गईं, जिनमें तंबाकू के स्वास्थ्य पर प्रभावों पर केंद्रित व्याख्यान, विशेषज्ञों व छात्रों के बीच साक्षात्कारात्मक सत्र, स्लाइड्स एवं पोस्टर्स के माध्यम से विजुअल प्रेजेंटेशन तथा तंबाकू मुक्त जीवन जीने की सामूहिक शपथ शामिल रही।
समापन सत्र में धन्यवाद ज्ञापन एवं तंबाकू निषेध संकल्प के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। बीबीडी यूनिवर्सिटी की इस पहल ने युवाओं के बीच जागरूकता फैलाने के साथ-साथ एक सशक्त सामाजिक संदेश दिया कि युवा ही समाज की दिशा तय करते हैं और उन्हें नशे जैसी सामाजिक कुरीतियों से बचाना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।