अवधनामा संवाददाता
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की पहल हिमांशु को मिला नया जीवन
कुशीनगर। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) विद्यालयों में अध्ययनरत निर्बल समुदाय के छात्रों के लिए वरदान साबित हो रहा है। इस कार्यक्रम के तहत चिकित्सकों ने एक वर्ष हृदय में छेद (जन्मजात हृदय विकार) से पीडित दो परिषदीय विद्यालय के छात्रों का सफलता पूर्वक आपरेशन कराकर नया जीवन प्रदान किया। सोमवार को सीएमओ डा. सुरेश पटारिया ने हाल ही में जेएनयू मेडिकल कालेज एएमयू अलीगढ़ से आपरेशन कराकर लौटे छात्र हिमांशु की जांचकर कुशलक्षेम जाना।
आरबीएसके टीम दुदही के सदस्य डॉ. सुभाष यादव ने बताया कि जांच शिविर के दौरान प्राथमिक विद्यालय रायपट्टी चाफ में अध्ययनरत छात्र हिंमाशु में उक्त बीमारी का लक्षण पाया गया। पीडित छात्र की माता सुनीता देवी उक्त विद्यालय में रसोईया व पिता की मृत्यु हो चुकी है। मां ने हिमांशु का इलाज करा पाने में अपनी असमर्थता व्यक्त कर दी। एमओआईसी अरविंद कुमार व टीम के अन्य सदस्यों डॉ. पूनम यादव, डॉ. श्रीप्रकाशचंद व डा. नाजिया सुल्तान की टीम ने पीड़ित छात्र का जांच कराया व नि:शुल्क आपरेशन के लिए प्रकिया आरंभ कर दी। पांच अगस्त 2022 को जिला चिकित्सा प्रशासन ने पत्र बनाया व सात अगस्त को ऐंबुलेंस से अलीगढ़ भेजवाया। 12 नवंबर व पांच दिसंबर को क्रमश: दूसरा व तीसरा विजिट हुआ। 3 अप्रैल 2023 को हिमांशु उक्त अस्पताल में एडमिट हुआ। 9 अप्रैल को एंजियोग्राफी हुई। 20 अप्रैल को सफल आपरेशन होने के दूसरे दिन हिमांशु होश में आया। 28 अप्रैल को डिस्चार्ज होकर वह घर आ गया। आरबीएसके की टीम लगातार उसके स्वास्थ्य पर नजर बनाए हुए थी। पूर्णत: स्वस्थ होने पर उसे सोमवार को मुख्य चिकित्साधिकारी के समक्ष लाया गया। जहां उसके स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया। डॉ. यादव ने बताया कि इसके पूर्व 2 जुलाई को उक्त बीमारी से पीडित प्राथमिक विद्यालय दुदही की कक्षा 2 की छात्रा काव्या का एसजीपीजीआई लखनई में नि:शुल्क सफल आपरेशन हुआ था।