अवधनामा संवाददाता
बबेरू/बांदा। बांदा जनपद के बबेरू तहसील क्षेत्र के राजकीय हाई स्कूल पखरौली के प्रधानाचार्य का जुझारू नेतृत्व व छात्र-छात्राओं के प्रति समस्त अध्यापक अध्यापिकाओं का समर्पण भाव आखिरकार रंग लाया है। सन 2010 में स्थापित यह राजकीय विद्यालय पखरौली में अति महत्वपूर्ण स्थान पर स्थित है। विद्यालय के पास में ही 33 केवीए पावर हाउस होने के बावजूद शासन की उदासीनता के चलते दीपक तले अंधेरा होने वाली कहावत चरितार्थ हो रही थी। उमस भरी गर्मी में बच्चों का बहता पसीना आखिर कार प्रधानाचार्य से देखा नहीं गया। लगभग डेढ़ लाख रुपए के एस्टीमेट की व्यवस्था विद्यालय में ना होने के कारण प्रधानाचार्य डॉ रविकरण सिंह ने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए हर जगह अपनी समस्या लेकर गए, मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक से लेकर उच्च अधिकारियों तक अपने बच्चों की पीड़ा सुनाई, परंतु किसी ने ध्यान नहीं दिया। लेकिन प्रधानाचार्य हर हाल में बच्चों के भविष्य को उजाले से भरने के लिए ठान चुके थे। जिससे उन्होंने अपने स्टाफ से बात किया जिससे स्टाफ के लोगों से स्टेटमेंट जमा करने का निश्चय किया गया। जिसमें प्रधानाचार्य डॉ रविकरण सिंह वरिष्ठ अध्यापक गौरी शंकर, शिक्षका श्रीमती पिंकी सिंह, कु.सोनल सागर, कुं.चंद्रावती, श्रीमती प्रतिभा समस्त अध्यापकों ने 25 – 25 हजार रूपए का दान स्वरूप सहयोग किया। और समाज के विकास हेतु मिसाल कायम किया है, जिसमें आज विद्युत की सप्लाई मिलने से प्रधानाचार्य रवि करण सिंह विद्युत मीटर व एमसीबी पर फूल माला चढ़ाकर फीता काटकर उद्घाटन कर विद्युत सप्लाई शुरू किया है, जिससे सभी नौनिहाल के चेहरे पर खुशी देखने को मिली है, विद्यालय में 253 छात्र-छात्राएं अध्यनरत है। जो 12 वर्षों से बिना बिजली के विद्यालय चल रहा था। वहीं बिजली आते ही बच्चों एवं अभिभावकों व ग्राम वासियों ने खुशी जाहिर किया है, वहीं स्टाफ के लोगों ने अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को यह काम करके तमाशा को मारने का काम किया है। वही प्रधानाचार्य व अध्यापकों की इस दरियादिली को ग्रामीणों ने सराहा एवं आभार प्रकट किया है। वहीं शिक्षक और शिक्षिकाओं के द्वारा बताया गया कि जिस तरह से बिजली नहीं थी जिससे बच्चो को परेशानी होती थी। और बच्चों को भी परेशानी होती थी, इसको देखते हुए हमने आपस में चंदा करके ट्रांसफार्मर लगवा कर विद्यालय को विद्युत व्यवस्था उपलब्ध करवाया है। अब यहां पर गर्मियों में पढ़ाई करवाने में दिक्कत नहीं होगी, वहीं विद्युत सप्लाई आ जाने से डिजिटल के माध्यम से पढ़ाई भी बच्चों को करवाई जाएगी, जिससे बच्चों को पढ़ाई करने में आसानी होगी। वही ग्रामीणों ने बताया कि जो जनप्रतिनिधि व अधिकारियों को काम करना चाहिए वह काम अध्यापक एवं अध्यापिकाओ के द्वारा अपने वेतन से सहयोग कर यह सराहनीय कार्य किया है। इस मौके पर विनय सिंह, उमानंद सिंह सहित सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं ग्रामीण अभिभावक मौजूद रहे।