कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को बंद करने के फैसले से PDA समाज के बच्चों का भविष्य संकट में — इदरीस खान
हमीरपुर। प्रदेश सरकार द्वारा 15 जुलाई 2025 को जारी आदेश के तहत ग्रामीण और कस्बा/नगर पंचायत स्तर के ऐसे सभी सरकारी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने का निर्णय लिया गया है, जिनमें 50 से कम छात्र नामांकित हैं। इस निर्णय के खिलाफ सोमवार को समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा, जिसमें इस फैसले को गरीब, वंचित, दिव्यांग और पिछड़े वर्गों (PDA वर्ग) के बच्चों के शिक्षा अधिकार पर हमला बताया गया।
ज्ञापन में कहा गया है कि प्रदेश सरकार की योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के 27,767 स्कूलों को बंद करने का रोडमैप तैयार किया गया है, जिसमें पहले चरण में 5000 स्कूलों का मर्जर किया जा चुका है। इससे न केवल 13 लाख से अधिक बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं, बल्कि लगभग 55 हजार रसोइयों की रोजी-रोटी भी छिन गई है।
प्राइवेट शिक्षा का खर्च नहीं उठा सकते PDA वर्ग के लोग
ज्ञापन में बताया गया कि ग्रामीण और शहरी गरीब वर्ग के लोग महंगी प्राइवेट स्कूलों की फीस, किताबें और अन्य खर्चों का बोझ नहीं उठा सकते। साथ ही, जिन स्कूलों को बंद किया जा रहा है, वहां के छात्र 5 से 10 किलोमीटर दूर स्कूल जाने में विकलांगता, संसाधनों की कमी और सामाजिक बाधाओं के कारण असमर्थ हैं।
स्कूल मर्जर को बताया गया शिक्षा विरोधी नीति
समाजवादी पार्टी ने इसे एक शिक्षा विरोधी और सामाजिक अन्यायपूर्ण निर्णय बताया है, जिससे विशेष रूप से PDA वर्ग के बच्चों को मुख्यधारा से अलग किया जा रहा है। ज्ञापन में यह भी मांग की गई कि राज्य सरकार शिक्षा बजट में कम से कम 20% की वृद्धि करे और इस निर्णय को तुरंत वापस लिया जाए, ताकि देश के भविष्य कहे जाने वाले बच्चे पढ़-लिखकर राष्ट्र रक्षा और विकास में योगदान दे सकें।
सपा नेताओं ने किया विरोध
यह ज्ञापन समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष इदरीश खान के नेतृत्व में सौंपा गया। इस अवसर पर प्रदेश सचिव ओम प्रकाश सोनकर वारसी, घनश्याम साहू, सुनील यादव, लालिता प्रसाद अरख, दीपक अहिरवार, रवि अहिरवार, जीतू, ज्ञान सिंह अहिरवार, कृष्णा, नगर अध्यक्ष हलीम सभासद, तावरेज खान, आरिफ विवार, शिव शरण यादव, प्रभात यादव, बिहारी प्रजापति, सौरभ अनुरागी, मिथलेश कुशवाहा, अरुण यादव सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।