सपा नेता मोहम्मद यामीन खान सहित अन्य लोगों को घंटाघर से किया गिरफ्तार

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लखनऊ – ( सज्जाद बाक़र ) | घंटाघर पार्क में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्ट्रेशन (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ महिलाओं द्वारा विरोध प्रदर्शन हो रहा है | 47 दिन से जारी सीएए और एन आर सी के खिलाफ प्रदर्शन पुर अम्न तरह से हो रहा है | किसी अप्रिय घटना की सूचना प्रकाश में नहीं आई |

सीएए और एन आर सी के खिलाफ से लखनऊ ही नहीं वरन पूरी दुनिया में धरना प्रदर्शन हो रहा है मगर सरकार सीएए के विरोध प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ झोटे मुक़दमे दर्ज करके उन्हें जेल में डाल रही है | नित नए तने बने बुनकर सख्ती से पेश आ रही है |

इसी कर्म में देर रात पुलिसिया करवाई से प्रदर्शन कर रही महिलाओं के हौसले कमज़ोर नहीं हुवे बल्कि वह सीसा पिराई हुई दिवार की तरह ताक़तवर हो चुकी है | योगी सरकार के आदेशानुसार पुलिस निरंतर प्रदर्शन समाप्त करने का दबाव बना रही है। गौरतलब बात है कि महिलाओं की मदद करने हेतु पुरुषों को पुलिस ने दौड़ा- दौड़ा कर पीटा, सपा के पूर्व राज्यमंत्री यामीन खान से पहले उनका नाम पूछा और उसके बाद ठाकुरगंज पुलिस ने उन्हें धरना स्थल से गिरफ्तार कर लिया |

इतना ही नहीं वहां मौजूद सभी पुरुषों को घंटाघर से भगाया | देखते ही देखते दहशत और अफरातफरी का माहौल बन गया लेकिन वाह रे औरतों के हौसले और हिम्मत पर लाखों सलाम- रात भर पुलिस की इस बर्बरता पूर्वक करवाई के खिलाफ जमकर नारेबाजी करती रही | सबसे मह्त्वपूर्ण बात ये है कि घंटाघर प्रदर्शन में माँ ने रो रो कर गुहार लगाई कि पुलिस ने जीप से बच्ची को फेका, बच्ची शदीद ज़ख़्मी हो गई | हिरासत में लिये पुरुषों के साथ 5 साल की मासूम बच्ची को भी पुलिस उठा ले गयी | पहले मेरे मामू को गिरफ्तार किया अब मेरे पति और दामाद को पुलिस पकड़ क्र ले गई |
वही उज़्मा रो रो केर मीडिया से बात क्र रही है की पुलिस ने मेरे घर से मेरे पीटीआई और हमे ज़बरदस्ती जीप पर बिठा कर ले गए फिर सुनसान सड़क पर जीप रोक कर हमको उतार दिया | पुलिसिया करवाई हैवानियत से पुर है इसकी जितनी निंदा की जाए कम है |

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