अवधनामा संवाददाता
लखनऊ। पी एल संतोषी ने कभी नही सोचा था कि उनका बेटा अच्छी फिल्में बनाकर उनका नाम रोशन करेगा। राजकुमार संतोषी ने दिखा दिया कि पिता के गुण उन्हें विरासत में मिले हैं। उन्होंने इतनी अच्छी फिल्में दर्शकों को दी है जिसे आज भी देखकर दर्शक भरपूर सराहना करते हैं। एक लम्बे अरसे के बाद गांधी गोडसे एक युद्ध फिल्म को लेकर दर्शकों के सामने आ रहे हैं। हमने भी सोचा चलो जानकारी लेते की इतने लंबे समय बाद फिल्म को रुपहले परदे पर क्यों ला रहे है इसके बारे में मुंबई जुहू स्थित ऑफिस में लेखिका नम्रता शुक्ला ने बातचीत में बातचीत की
1. 2013 में फटा पोस्टर निकला हीरो फिल्म के बाद आपकी कोई फिल्म क्यों नहीं आई?
उत्तर – ऐसा नहीं है मैने एक फिल्म बनाने की कोशिश की जिसका नाम था बैटल सारा घई जो अफगानिस्तान के कबीलों से सरदारों ने एक किले को बचाया। 21 सरदारों को इस फिल्म के लिए पूरी ट्रेनिंग दी जो मैं पंजाब से खोजकर लाया था।रणदीप हुडा मुख्य भूमिका में थे और 20 दिन की शूटिंग कर ली थी तभी मेरे निवेशक ने बताया कि कारण जौहर इसी विषय पर केसरी नाम से फिल्म बना रहे हैं इसलिए मैने काम रोक दिया।
2. क्या फिर आपने दूसरी फिल्म के लिए कोशिश नही की?
उत्तर – मैने यह महसूस किया जो मुझसे फिल्म के सम्बन्ध में मिल रहे थे वो मुझसे पूछते थे की स्टार कौन है, बल्कि उनको पूछना चाहिए था कि आप क्या नया बना रहे हैं। तो मैंने थोड़ा विराम ले लिया।
3. जो विराम आपने लिया तो आपने गांधी गोडसे एक युद्ध पर फिल्म बनाई जाए ये कैसे सोचा?
उत्तर मैने असगर वजाहत का नाटक गांधी गोडसे देखा था जो मुझे बेहद पसंद आया और मैने इस पर फिल्म बनाने की सोची।
4. गांधी गोडसे एक युद्ध एक संवेदनशील विषय है। इस पर आपने किस तरह की शोध की और फिल्म बनाई?
उत्तर – मैने इस फिल्म के लिए बहुत सारी किताबें पढ़ी और बहुत जानकारी हासिल की तब जाकर इस फिल्म को हमने और असगर वजहत साहब ने लिखा।
5. आपने गांधी जी और गोडसे को रुपहले परदे पर किस तरह से दिखाने की कोशिश की है ?
उत्तर – गांधी जी को सभी लोग जानते है, स्कूल, कॉलेज में उनका जन्म दिन मनाया जाता है उनके नाम पर मंदिर भी है। मैं उनकी इज्जत करता हूं। इस फिल्म में मैने उनके किरदार को पूरा न्याय दिया है। लेकिन गोडसे के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। तो उसके किरदार को बड़े सरल ढंग से न्याय देने की कोशिश की।और उसके बारे में फिल्म के जरिए लोगो को पता चलेगा।
6. क्या सेंसर बोर्ड ने इसमें कोई आपत्ति की है क्योंकि यह बहुत संवेदन शील विषय है?
उत्तर – सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को कई बार देखा लेकिन इसमें कोई भी आपत्ति नहीं जताई। और बोर्ड ने मंजूरी दे दी।
7. आपका आदर्श कौन है?
उत्तर – भगत सिंह जी मेरे आदर्श है मैने उन पर भी फिल्म बनाई मुझे उस फिल्म के लिए नेशनल अवार्ड भी मिला वह मेरे दिल के बहुत करीब है। मेरी फिल्म में जो कास्टिंग आती है उसमे भगत सिंह जी के चिन्ह को डालता हूं जो मेरा लोबो है।
8. आप अपने दर्शकों को क्या संदेश देना चाहेंगे?
उत्तर – मैंने कभी कोई अश्लील फिल्म नही बनाई है। घातक में एक गाना कोई आए या कोई जाए मेरी लाख दुआए पाए ममता कुलकर्णी पर रखा था जिसमे कोई अश्लीलता नही थी उसे भी लोगो ने बहुत सराहा था तो इस फिल्म में भी मैंने कोई अश्लील बात नही है। मेरा सभी दर्शकों से निवेदन है कि इस फिल्म को 26 जनवरी को सिनेमा घरों में जाकर देखे , क्योंकि यह बहुत साफ सुथरी फिल्म है और अपना सुझाव तभी दे पहले से विरोध न करें। मुझे आशा है कि लोग इसे पसंद करेंगे ।