*समाज में अपराध होंगे परिवारों में कलह होगा बच्चे भूखे मरेंगे उसका जिम्मेदार कौन होगा सीएम महोदय*

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*मुख्यमंत्री जी इस महामारी के समय मुझे जीवन आवश्यक शराब नही-सावित्री देवी*
अवधनामा(चोपन/सोनभद्र) कोविड-19 महामारी पूरे विश्व मे लगातर बढ़ोतरी की तरफ है केंद्र सरकार द्वारा उसके बचाव के लिये पूरे भारत मे लॉकडाउन का आह्वाहन किया गया है। जिससे कि इस कोरोना महामारी से बचा जा सके लगातार स्वास्थ्यकर्मी,समाजसेवी संस्थाए,सफाईकर्मी अन्य तमाम विभाग लगातर शहर और गाँव मे जा कर सभी लोगों को सोशल डिस्टेंस का पालन करने , मास्क लगाने व सेनेटाइजर का प्रयोग करने को कहा जा रहा है जिससे कि इस बीमारी से बचा जा सके।वही पूरे देश में सिर्फ रोजमर्रा की वस्तुओं जैसे जनरल स्टोर,डेयरी,सब्जी,फल की दुकानें खोलने का राज्य सरकार द्वारा अनुमति दिया गया है और जरूरतमंद व्यक्तियों के घर तक ऑर्डर के बाद समानों की डिलीवरी घर तक करवाया जा रहा है।लॉक डाउन के लगभग 44 दिन हो गये है।अन्य सभी वर्ग के छोटे बड़े दुकानदारो,ठेला,खुमचा,रिक्सा,फेरी वाले को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।सभी वर्ग के दुकानदारों के दुकान का किराया,बिजली बिल,कर्मचारियों का वेतन,बैंक का लोन भी देना है इसमें सरकार द्वारा अभी तक कोई भी उपाय नही निकला है आखिर मध्यमवर्गीय व्यक्ति इस समस्याओं को किसको सुनाये व्यापारियों की स्थिति बिगड़ती नजर आ रही है।किसी के लिये कुछ खुशखबरी मिलने के कोई आसार नही दिख रहे है।केंद्र सरकार द्वारा 17 मई तक लॉक डाउन बढ़ाने के बाद लोग अपने घरों में सुरक्षित हैं,वर्तमान समय लोगों के आय का कोई स्रोत नहीं है। पूरा देश इस व्यक्त बेरोजगारी का दंश झेल रहा है।सरकार द्वारा इस पर कोई विचार ही नही वही दूसरी तरफ उनको नशे में झोंकने और अपने राजस्व वृद्धि हेतु प्राथमिकता देते हुये यूपी सरकार द्वारा 3 मई को शराब की दुकानों को खोलने का आदेश दे दिया गया है।4 मई मंगलवार से ही शराब की दुकाने खोल दिये गये है।पूरे प्रदेश में समाचार व स्थानीय स्तर पर स्वयं देखा गया  की दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग व प्रशासन द्वारा जारी नियमों की धज्जियां उड़ती नजर आयी।काफी संख्या में इकट्ठे होकर लोग शराब खरीदते नजर आ रहे हैं जिनमे कोई उचित दूरी नहीं है न ही कोई सावधानी है। वही राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिला प्रशासन द्वारा भी लॉक डाउन में शराब विक्रय के संबंध में  निर्देश जारी करते हुए जिला प्रशासन द्वारा कहा गया है कि कोई भी शराब विक्रेता किसी को बैठाकर शराब नही पिलायेगा काफी संख्याओ में लोग अपने घरों से बाहर निकल शराब खरीदने के लिए निकल रहे हैं और स्वभाविक है कि सभी लोग लॉकडाउन में अपने घर परिवार लोगों के बीच में है जो हो सकता है घर मे न पिये ऐसी स्थिति में लोग कहीं न कहीं बाहर बैठकर शराब पीयेंगे और नशे में धुत होकर इधर-उधर उत्पात शुरू कर देंगे। जिससे कोविड-19 महामारी के संक्रमण की आने की सम्भावनाओं से इंकार नही किया जा सकता साथ ही अपराध भी बढ़ेगा गरीब किसी भी रूप में मजदूरी करने वाला या मध्यमवर्गीय दुकानदार या अन्य कोई कार्य करने वाले परिवार के लोग जिनके पास पहले के बचाये हुए कुछ थोड़ा बहुत धन बचे हुये हैं वह लोग बचे पैसों को शराब में खर्च कर देंगे तो उनके परिवार के ऊपर आर्थिक संकट उत्पन्न हो जाएगा जिससे कि उनके परिवार पर एक तरह का पहाड़ टूटने जैसा होगा।यूपी सरकार के निर्देश में जिला प्रशासन द्वारा कुछ दुकानों को सप्ताह में कुछ दिन खोलने की ही अनुमति मिली है लेकिन शराब का सप्ताह भर खोला जाना सरकार द्वारा यह फैसला इस विकट परिस्थितियों में उचित नही है।लोगों को बर्बाद करने वाले फ़ैसले को राज्य सरकार को तत्काल वापस लेना चाहिये साथ ही जब तक कोविड-19 महामारी के समस्या से  निजात न मिल जाये व लॉकडाउन के न खुलने तक शराब की दुकान खोले जाने की अनुमति दिया जाना उचित नही होगा।एक तरफ जहां पुष्प वर्षा कर डॉक्टर,नर्स,कोरोना योद्धाओं का हौसला बुलंद किया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ शराब का दुकान खोलकर कोरोना योद्धाओं का मनोबल तोड़ने का कार्य किया जा रहा है।एक भी कोरोना संक्रमित व्यक्ति शराब बेचने वाले दुकानदार के संपर्क में आता है।तब आप अंदाजा लगा सकते है दिनभर में दुकानदार करीब हजारों लोगों को शराब बेचेगा और जब हजारों लोगों को कोरोना जैसे बीमारी होगी तो उससे ना जाने कितने लोगों तक यह बीमारी फैल जायेगा इसका आकलन करना मुश्किल हो जायेगा।इसलिए राज्य सरकार द्वारा शराब बिक्री पर जल्द से जल्द रोक लगाना चाहिये।लॉकडाउन के दौरान यूपी में तमाम जगह समाचार पत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कई जगहों पर कई अपराध हुई है कही महिला कही बच्चें कही आदमी की हुई हत्या अतःमहिला सुरक्षा एवं जन सेवा ट्रस्ट की अध्यक्ष सावित्री देवी ने इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री व प्रमुख सचिव को ट्वीट व मेल के माध्यम से पूरी जानकारी से अवगत कराया है
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