भ्रष्टाचार के पाहियों पर दौड़ रहा है सीतापुर रोडवेज

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अवधनामा संवाददाता

 
सीतापुर सीतापुर भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टांलरेंस शासन की प्राथमिकता में है लेकिन उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग भ्रष्टाचार के पथ पर तेजी से अग्रसर है सहारनपुर में फर्जी बस अड्डा संचालन का मामला अभी चर्चा में है कि सीतापुर का परिवहन विभाग भी डीजल घोटाले समेत अन्य फर्जी मामलों को लेकर सुर्खियों में आ गया है सीतापुर परिवहन निगम के अधिकारियों के संरक्षण में फर्जीवाड़ा किया जा रहा है और इस मामले में उनका साथ ना देने के कारण इमानदार कर्मचारियों को रोडवेज प्रबंधन प्रताड़ना का शिकार बना रहा है अधिकारियों के काले धंधे में शामिल ना होने वाले कर्मचारियों को विभागीय सेवा से पृथक करने का कुत्सित प्रयास भी अधिकारी कर रहे हैं ऐसे ही एक मामले में सीतापुर रोडवेज वर्कशॉप में कार्यरत एक कर्मचारी ने अपने उत्पीड़न से आजिज आकर मुख्यमंत्री समेत विभागीय अधिकारियों को पत्र दिया है
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के कार्यशाला में अपोस्टर द्वितीय के पद पर तैनात रिजवान खान ने विभागीय अधिकारियों ए आर एम राकेश कुमार और अन्य अधिकारियों पर उनका उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है इस संबंध में उन्होंने दिए गए शिकायती पत्र में कहां है कि राकेश कुमार के संरक्षण में कार्यशाला में फर्जीवाड़ा किया जा रहा है नियमों के विपरीत जहां पूर्व में वित्तीय घोटाले में दोषी साबित हो चुके कर्मचारी को जिम्मेदार पटेल दिया जा रहा है वही डीजल के नाम पर लाखों का वारा न्यारा फोरमैन की मदद से किया जा रहा है रिजवान खां का कहना है कि बगैर बाहर जाने के बजाए वर्कशॉप में ही खड़ी बसों को 30 से 40 किलोमीटर तक चलाया जाना दिखाकर डीजल का वारा न्यारा किया जा रहा है इस फर्जीवाड़े में फोरमैन समेत एआरएम भी शामिल है जब इस मामले का उनके द्वारा विरोध किया गया तो उन पर दबाव बनाने के लिए फर्जी मनगढ़ंत आरोप के आधार पर उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का फरमान जारी कर दिया गया मजेदार बात यह है कि रिजवान ने खिलाफ की गई शिकायत पर प्रतिवादी जांच कमेटी के सामने कभी उपस्थित ही नहीं हुआ जिस आधार पर रिजवान को आंशिक दोषी करार देते हुए कार्रवाई की संस्तुति की गई आंशिक दोष पर कार्यवाई में रिजवान को विभाग के सर्वोच्च दंड से दंडित किया गया उन्हें सेवा से पृथक करने का नोटिस दिया गया है जबकि ना तो रिजवान खान कहीं इसी जांच में पूर्ण रूप से दोषी साबित हुए और ना ही उनके खिलाफ शिकायत करता किसी कमेटी के सामने उपस्थित हुआ है या साफ-साफ दर्शाता है कि वर्कशॉप में चल रहे हैं फर्जी वाड़े को बेरोकटोक जारी रखा जा सके इसके लिए रिजवान को वर्कशॉप से हटाने की साजिश की जा रही है रिजवान का यह भी कहना है की इस घोटाले के सभी साक्ष्य उनके पास मौजूद हैं और वे शासन की जीरो टॉलरेंस नीति के प्रबल समर्थक है इसलिए वह इस पूरे मामले का पर्दाफाश करेंगे दूसरा पहलू यह भी है की डीजल घोटाले को लेकर जब रिजवान ने विभागीय उच्चाधिकारियों को सूचित किया तो सेवा प्रबंधक द्वारा की गई जांच में बगैर किसी साथ को देखे हुए सीतापुर डिपो को क्लीन चिट दे दी गई इससे यह साबित होता है कि भ्रष्टाचार के हरम में सभी नंगे हैं
अगले अंक में जारी

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