अवधनामा संवाददाता (श्रवण चौहान)
उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा बनाया गया जनसुनवाई पोर्टल में लगाई जा रही है गलत आख्या
बाराबंकी (Barabanki)। उत्तर प्रदेश सरकर ने पोर्टल बनाया हुआ है, जिसका नाम ‘जनसुनवाई’ पोर्टल है/ या फिर मुख्यमंत्री पोर्टल इसके अलावा आईजीआरएस भी कहा जाता है। इसका उद्देश्य यह है कि उत्तर प्रदेश के लोग अपनी शिकायत अथवा सुझाव इस पोर्टल पर घर बैठे ऑनलाइन दर्ज करें और उसे सम्बंधित अधिकारी व सम्बंधित विभाग को भेजकर उसका निस्तारण किया जाय। पिछली सरकार में तो इस पोर्टल का मजाक चल ही रहा था। लेकिन अगर मौके की सत्ताधारी सरकार में जनसुनवाई पोर्टल की बात किया जाए तो मजाक से कम नहीं है। क्योंकि अधिकारी कर्मचारी जनसुनवाई पोर्टल पर झूठी आख्या लगाकर अपने उच्च अधिकारियों से बचते हुए नजर आ रहे हैं। पीड़ित लोगों की समस्याएं बिल्कुल भी निस्तारित नहीं हो रही है जिससे पीड़ित न्याय के लिए दर-दर भटकने के साथ-साथ परेशान होते हुए नजर आ रहे हैं। इस संबंध में जब हमारे संवाददाता श्रवण चौहान ने करीब एक दर्जन जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत करने वालों से संपर्क किया तो करीब 9 लोग जनसुनवाई पोर्टल पर आख्या से असंतुष्ट होते हुए नजर आए । उन्होंने बताया कि जनसुनवाई पोर्टल केवल मजाक के तौर पर अधिकारी उपयोग कर रहा है यहाँ अधिकारी कर्मचारी झूठी आख्या लगा रहे हैं । इस संबंध में उच्च अधिकारियों को सुधार लाने की आवश्यकता है आपको बताते चलें कि जब हमारे संवाददाता श्रवण चौहान कुछ जान पहचान के अधिकारियों से मुलाकात करने के बहाने जनसुनवाई आवेदनों की हकीकत जानने के लिए उनके कार्यालय पहुंचे तो वहां पर जनसुनवाई पोर्टल के बारे में बात खोद दी और इतनी बात सुनते ही अधिकारियों ने बताया कि यह बहुत ही खराब पोर्टल है। यहां पर लोग घर बैठे शिकायत कर देते हैं और फर्जी हम लोगों को परेशान होना पड़ता है। तो आप जान सकते है कि यह जनसुनवाई पोर्टल की हकीकत है । ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि जिस प्रकार से जनसुनवाई पोर्टल की देखरेख के लिए नोडल अफसर चयनित किए जाते हैं वह अफसर केवल खानापूर्ति करते हुए नजर आ रहे हैं । उन्हें बाकायदा नोडल अधिकारी तैनात किया है कि वह अच्छे से गुणवत्ता पूर्वक आख्या को देखेंगे और पीड़ितों की समस्या निस्तारित करवाएंगे वह नोडल अधिकारी भी इस पर संज्ञान नहीं ले रहे हैं कि जनसुनवाई पोर्टल पर लगाई गई आख्या गुणवत्ता पूर्वक है या फिर नहीं। अब देखना यह बड़ी बात है कि इस पर क्या सुधार आता है।
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