धनतेरस में पूरी दम से बिका चांदी का सिक्का

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अवधनामा संवाददाता

स्टील और पीतल के चमचमाते बर्तन भी बने ग्राहकों की पसंद
इलेक्ट्रानिक्स उपकरणों ने भी मचाई धूम, खूब बिके मोबाइल
सरार्फा दुकानों सहित बाजार में उमड़ा महिला-पुरुषों का रेला

बांदा। शुक्रवार को शहर धनतेरस के अवसर पर जमकर खरीदारी हुई इस दौरान शहर के बाजारों में लोगों की भीड़ देखते ही बनती थी। शहर के चौक बाजार में लोगों की भीड़ उमड़ी हुई थी। शहर की ज्वेलरी की दुकानों पर भी लोगों ने धनतेरस पर ज्वेलरी की खरीद की। शहर के खिंदड़ी ज्वेलर्स ने बताया कि इस बार अच्छी खरीद हुई है। शहर के बाजारों में दिवाली त्योहार के मद्देनजर सजावटी समाज से बाजार की खूबसूरती बनी हुई थी। रंग बिरंगी लाइट,सजावटी सामान भी बेचने के लिए रखे गए थे जिसकी लोगों ने खरीद की। इसी तरह शहर के बड़ा चौक में कुम्हारों मिट्टी से निर्मित दिए व अन्य समान रखा गया था जिसकी लोग खरीदारी कर रहे थे।
धनतेरस के त्योहार में एक परंपरा कुछ नया खरीदने की है। बाजार में सारे उत्पादों में आग लगी हुई है। लेकिन चांदी और सोना काफी महंगा हुआ है। इसके बावजूद भी सबसे ज्यादा भीड़ भी सरार्फा बाजार में नजर आई। पुराने चांदी के सिक्कों में जार्ज किंग और रानी विक्टोरिया को लोग ढूंढते रहे। यह सिक्का काफी महंगा बिका। हालांकि जो लोग धनतेरस की इस बाजार में ज्यादा धन नहीं खर्च करना चाहते थे उन लोगों ने लक्ष्मी और गणेश अंकित नए सिक्कों को तवज्जो दी। एक तोले का यह सिक्का बाजार में दम से चला। चांदी महंगी होने बावजूद भी बहुत से लोगों ने एक की जगह दो और चार सिक्के भी खरीदे, ताकि इसी बहाने घर में इस महंगी धातु का संग्रहण हो सके और महंगी होने पर इसका लाभ लिया जा सके। उधर बर्तनों की बाजार में चमचमाते स्टील और पीतल के बर्तन दम से दौड़े। स्टील के बर्तनों की तकरीबन तीन दर्जन दुकानें ऐसे सजी थीं, मानो किसी नई नवेली दुल्हन को सजाकर मंडप में ले जाया गया हो। चमचमाते बर्तनों की चकाचौंध में ग्राहकों ने भी खूब उत्साह दिखाया। किसी ने थाली तो किसी ने गिलास और किसी ने दूसरे तरह के बर्तनों के सेट खरीदे। हालांकि स्टील के दाम पिछले वर्ष की तुलना में तकरीबन 20 फीसदी बढ़े हैं। पीतल के बर्तनों को ज्यादातर ग्रामीणों ने पसंद किया। इनमें परात और कलश ज्यादा बिके। कांसे और फूल के बर्तनों को पूछने वाले ग्राहक काफी कम रहे। हालांकि त्योहारी बाजार में महंगाई का खासा असर देखने को मिला। ग्राहकों के मन में अधिक टैक्स लगने की आशंका ने घर कर लिया है। इसका असर त्योहारी बाजार में भी दिखाई पड़ा। जहां पहले लोग खुले हाथ से धनतेरस की खरीददारी करते थे, वहीं इस बार ग्राहकों ने नाममात्र की खरीददारी करके त्योहार की रस्मअदायगी की।

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