अवधनामा संवाददाता
मसौली बाराबंकी। नहर विभाग की कारगुजारी किसानों के लिए भारी साबित हो रही है। टेंडर के बाद ठेकेदारों द्वारा मानक से अधिक सिल्ट उठाने के बाद सही की गयीं नहर पटरी पानी आने के बाद कट रही है। बीती रात्रि धरौली माइनर कट जाने से दर्जनों किसानों की खेती जलमग्न हो गई। सूचना के काफी देर बाद पहुंचे नहर विभाग के मेट हरिश्चंद्र यादव ने नहर पटरी की मरम्मत कार्य शुरू कराया।
बताते चले विगत माह नहरों की हुई सिल्ट सफाई के बाद निकली सिल्ट को विभाग ने ठेकेदारों के हाथ बिक्री की तथा ठेकेदारों ने नहर विभाग के कर्मचारियों से मिलकर नहर से निकली सिल्ट के साथ साथ वर्षो से बनी नहर पटरियों की भी खुदाई कर बेच दिया और नहर से पुनः सिल्ट निकाल कर पटरी बना दी जो किसानों के लिए घातक साबित हो रही है। जिसकी शुरुआत धरौली माइनर से हुई है बीती रात्रि ग्राम बड़ागांव में अलग अलग तीन स्थानों पर नहर में पानी अधिक होने के कारण कट गई। शुक्रवार की भोर खेतो की ओर गये किसानों ने जब देखा तो हाड़तोड़ मेहनत एव काफी लागत लगाकर बोई फसल डूबी देखी तो दिल मसोस कर रह गये। नहर के दोनों ओर पटरी क्षतिग्रस्त होने के कारण किसानों की सरसो, गेंहू, आलू एव मटर की फसले लबालब हो गयीं।
जिससे ग्राम बड़ागांव एव दहेजिया के किसानों को काफी नुकसान हुआ है। नहर विभाग के हरिश्चंद्र यादव ने पहुंचकर माइनर की मरम्मत का कार्य शुरू कराया।
विगत दिसम्बर माह में सिल्ट सफाई के लिए होने वाली नहर बंदी के अंतिम समय मे आनन फानन में नहर में जमी सिल्ट को साफ कराकर पटरी पर इक्कठी हुई सिल्ट का टेंडर करा दिया लेकिन ठेकेदार ने क्षेत्रीय अवर अभियंता बद्री प्रसाद से मिलीभगत कर वर्षों पूर्व बनी मजबूत पटरी की भी सिल्ट बेंच डाली जिसकी जांच करने आये नायब तहसीलदार ने नाराजगी भी जतायी फिर क्षेत्रीय अवर अभियंता की मिलीभगत से ठेकेदार ने पुरानी पटरी को बिल्कुल साफ कर पुनः नहर से सिल्ट निकाल कर पटरी बना दी जो पानी आते ही जगह जगह क्षतिग्रस्त हो रही है। नई सिल्ट से पटरी बनवाने वाले ठेकेदार की कारगुजारी जहाँ किसानों के लिए मुसीबत बनी हुई है वही नहर विभाग के अभियंता ने नहर का जायजा लेकर पीठ थपथपाई थी।
नहर विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के कारण धरौली माइनर नहर की टेल तक सफाई न होने से नहर लबालब है क्योंकि आगे नहर में सिल्ट जमी हुई है जिससे आगे पानी नही जा पा रहा है।