Thursday, May 15, 2025
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HomeUttar PradeshLalitpurध्वजारोहण के साथ सिद्धचक्र महामण्डल विधान का हुआ शुभारंभ

ध्वजारोहण के साथ सिद्धचक्र महामण्डल विधान का हुआ शुभारंभ

अवधनामा संवाददाता

निर्यापक मुनि अभय सागर जी सहित त्रय मुनिराजों का मिल रहा सानिध्य

मड़ावरा (ललितपुर)। धर्मनगरी मड़ावरा में अष्टानिका महापर्व के पावन अवसर पर निर्यापक मुनि अभय सागर, प्रभात सागर, निरीह सागर जी के मंगल सानिध्य व बाल ब्र. मनोज भैया ललितपुर के निर्देशन में सिद्ध चक्र महामण्डल विधान का शुभारंभ कार्यक्रम स्थल महावीर विद्याविहार में विधान पुण्यार्जक द्वारा ध्वजारोहण कर किया गया। मंगलवार को अष्टानिका महापर्व के पावन दिनों में प्रारम्भ किये गए सिद्ध भगवंतों की आराधना के पर्व सिद्ध चक्र महामण्डल विधान के अवसर पर बा.ब्र.मनोज भैया के कुशल निर्देशन में श्रीजी की प्रतिमाओं का कार्यक्रम स्थल पर गाजे बाजे के साथ आगमन हुआ ततपश्चात पांडाल शुद्धि करते हुए घटयात्रा व सकलीकरण आदि की क्रियाएं सम्पन्न की गयी विधान का आयोजन करवाने वाले सौभाग्यशाली पुण्यार्जक विमलेश कुमार, संतोष कुमार, आयुष, आदीश परिवार द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ ध्वजारोहण के कार्यक्रम को सम्पन्न किया गया। जैसे ही पुण्यार्जक परिवार द्वारा ध्वज का आरोहण किया उपस्तिथ जनसमूह ने तालियों की गडग़ड़ाहट के साथ जयजयकारों से वातावरण को धर्ममय कर दिया ततपश्चात सभागार में भगवान जिनेन्द्र देव की प्रतिमा को रजत पाण्डुक शिला पर विराजमान कर विश्व में शांति की कामना करते हुए श्रीजी के मस्तक पर शांतिधारा की गयी शांतिधारा करने का शौभाग्य पुण्यार्जक परिवार सहित दानवीर डा.वीसी जैन, सवाई सिंघई धीरेन्द्र जैन, प्रकाश जैन मेडिकल को प्राप्त हुआ तदुपरांत भोपाल मध्यप्रदेश से आये गायक भूपेंद्र कुमार की धार्मिक स्वर लहरियों के साथ नित्य नियम पूजन विधान का प्रारंभ किया गया। इस दौरान उपस्तिथ जनसमूह को मंच पर विराजमान निर्यापक मुनि अभय सागर,प्रभात सागर,निरीह सागर जी के मुखारविंद से जिनवाणी रसपान करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ मुनिसंघ को शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य बंटी बजाज,राजेन्द्र बजाज एवं विक्रम बजाज को प्राप्त हुआ प्रथम दिवस की सायंकालीन महाआरती करने का सौभाग्य पुण्यार्जक विमलेश कुमार, संतोष कुमार(बंटी)आयुष, आदीश जैन परिवार को प्राप्त हुआ। आयोजनकर्ताओं ने जानकारी देते हुए बताया कि 8नवम्बर तक आयोजित विधान के दौरान प्रतिदिन ही रात्रिकालीन कार्यक्रमों में गायक कलाकारों के माध्यम सेआरती भक्ति के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा कार्यक्रम के आयोजन में सकल दिगम्बर जैन समाज का भरपूर सहयोग प्राप्त हो रहा है।
क्या है सिद्ध चक्र महामण्डल विधान का महत्व?
सिद्धचक्र महामंडल विधान से दिव्य शक्तियां होती हैं प्रकट यह विधान सभी विधान का राजा है, इसमें सभी विधान शामिल हैं। यह एक ऐसा अनुष्ठान है जो हमारी जीवन के सभी पाप, ताप और संताप को नष्ट कर देता है। सिद्ध शब्द का अर्थ है कृत्य-कृत्य, चक्र का अर्थ समूह और मंडल का अर्थ एक प्रकार के वृत्ताकार यंत्र से है। जिसमें कई प्रकार के मंत्र व बीजाक्षरों की स्थापना की जाती है। मंत्र शास्त्र के अनुसार इसमें अनेक प्रकार की दिव्य शक्तियां प्रकट हो जाती है। सिद्ध चक्र मंडल विधान सभी सिद्ध समूह की आराधना मंडल की साक्षी में की जाती है, जो हमारे सभी मनोरथों को पूरा करता है। मैना सुंदरी ने अपने कोड़ी पति को कामदेव जैसा सुंदर बना दिया। पुराणों के अनुसार मैना सुंदरी ने इसी सिद्धचक्र महामंडल विधान के आयोजन से अपने कोड़ी पति श्रीपाल को कामदेव जैसा सुंदर बना दिया था।

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