लखनऊ।
हजरतगंज स्थित ऐतिहासिक सिब्तैनाबाद इमामबाड़े के बीती 2 अप्रैल को टूटे मुख्य बाहरी प्रवेश द्वार की मरम्मत के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने
इमामबाड़े के मुतवल्ली मोहम्मद हैदर ने एएसआई और जिला प्रशासन को पत्र के माध्यम से प्रवेश द्वार की मरम्मत कराए जाने के लिए अनुरोध किया था। श्री हैदर ने कहा कि इमामबाड़ा प्रबंधन कमेटी और राजधानी के उलमा इमामे जुमा मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी, मौलाना सैफ अब्बास नकवी, मौलाना अली नासिर सईद अबाकाती आगा रूही, मौलाना यासूब अब्बास, मौलाना अब्बास इरशाद आदि की निगरानी में एएसआई को भेजे पत्र और अनुस्मारकों पर कार्रवाई करते हुए एएसआई ने प्रवेश द्वार की मरम्मत के लिए 50 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत करते हुए जल्द ही संरक्षण कार्य आरम्भ करने को कहा है। विदित हो कि श्री हैदर ने राजधानी की ऐतिहासिक धरोहरों के रखरखाव और मरम्मत के लिए उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी, जिन पर न्यायालय ने तमाम आदेश पारित किये और रूमी गेट, आसिफी इमामबाड़ा, हुसैनाबाद स्थित छोटा इमामबाड़ा, सिब्तैनाबाद इमामबाड़े का संरक्षण किया गया।
सिब्तैनाबाद इमामबाड़े के प्रवेश द्वार की मरम्मत के लिए 50 लाख रुपये
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