श्री श्री गौर निताई परिवार ने नौका विहार निकुंज की लीला महा महोत्सव का किया भव्य आयोजन

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इटावा। श्री श्री गौर निताई परिवार के तत्वाधान में नौका विहार महा महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया।इस दौरान भक्तों के द्वारा भगवान गौरांग महाप्रभु व नित्यानंद महाप्रभु को नौका विहार कराया गया।महामंत्र हरे रामा हरे कृष्णा संकीर्तन व भजनो पर श्रद्धालु झूमते रहे और भगवान का जयघोष करते रहे।भक्तों के बीच नौका विहार महा महोत्सव रहा आकर्षण का केंद्र रहा सभी ने नौका विहार कर रहे भगवान को अपलक निहारा।श्री श्री गौर निताई परिवार के तत्वाधान में तृतीय नौका विहार महामहोत्सव का आयोजन आलमपुरहौज स्थित नारायण कॉलेज में किया गया।कॉलेज परिसर में बने स्विमिंग पूल में भक्तों के द्वारा एक कुंटल से ज्यादा विभिन्न प्रकार के फूलों से आकर्षक रंगोली सजाई गई थी।यहां पर नौका विहार महामहोत्सव से पूर्व भगवान गौरांग महाप्रभु व नित्यानंद महाप्रभु को फूलों व रंग विरंगी लाइटो से सजी-धजी नौका में विराजमान किया गया।इसके बाद पंडित मनुपुत्र दास ने भगवान की महाआरती उतारी और विभिन्न प्रकार के जूस,रस,फल,मिल्क बादाम,मिल्क शेक,लस्सी व मिठाई का भोग अर्पित किया।

इसके बाद भगवान का नौका विहार शुरू हुआ।लगभग 4 घंटे तक हरिनाम संकीर्तन के बीच भगवान ने नौका विहार का आनन्द उठाया।भगवान के नौका विहार दर्शन के लिए आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा।भक्तों के द्वारा भगवान के ऊपर जमकर पुष्प वर्षा भी की गई। वृज मंडल की तरह तृतीय बार नौका विहार महामहोत्सव का आयोजन इष्टिकापुरी की धरती पर हुआ था।महामहोत्सव में मौजूद हर भक्त भगवान की नौका को स्पर्श करने लिए आतुर दिखाई दिया।भक्तों के द्वारा विभिन्न वाद्य यंत्रों के बीच हरिनाम संकीर्तन करते हुए नृत्य भी किया गया।प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।

नौका बिहार निकुंज की लीला महामहोत्सव के संबंध में पंडित मनुपुत्र दास ने बताया कि गुरु परंपरा के द्वारा परम भगवान की सेवा के क्रम में भगवान को आनंद देने के लिए नौका विहार महा महोत्सव आयोजित किया जाता है।अक्षय तृतीया से बसंत रितु समाप्त होती है और ग्रीष्म ऋतु प्रारम्भ होती है भगवान को गर्मी के दिनों में गर्भ ग्रह से बाहर निकाल कर आनंद प्राप्त कराने के लिए यह महोत्सव आयोजित किया जाता है।इससे भक्तों को भी परम आनंद की प्राप्ति होती है और भगवान की कृपा बनी रहती है। श्री श्री गौर निताई परिवार के भक्तों ने भगवान के लिए चार दिनों में विशेष नौका तैयार की थी और पानी में गुलाब जल व विभिन्न प्रकार इत्र व चंदन डालकर भगवान को श्रद्धाभाव के साथ हर्षोल्लास से नौका विहार कराया । इस नौका बिहार के साक्षी काफी संख्या में श्रद्धालु बने।उन्होंने कहा मानव जीवन अत्यंत दुर्लभ है मानव जीवन का उद्देश्य परम भगवान की भक्ति करके भगवत धाम को प्राप्त करना है सभी भक्त परम भगवान की भक्ति कर अपना कल्याण करें।

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