श्रद्भावना मिशन ने रक्खी शशमाहे अलीअसगर के रौज़े की संगे बुनियाद

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लखनऊ । दरे हुसैन पर आते हैं हर ख्याल के लोग,,यह इत्तेहाद  का मरकज़ है आदमी के लिए। नवासे रसूल,हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम दुनिया के  हर  हकपरस्तों  के  दिलों में बसते हैं और मनवता के शहीद इमाम आली मुकाम की   याद पूरी  दुनिया मे मनाया जाता है।
हैं । हिंदुस्तान में मुहर्रम में शिया सुन्नी समुदाय के साथ साथ हिन्दू भाई भी ताजियादारी करते हैं। जिससे वर्षो से गंगा यमुनी  तहज़ीब और एकता सदभाव हिन्दूस्तान की रिवायत बनी हुई है।
मुगलकाल में जहाँ  मुसलमान राजाओं नवाबों ने मंदिरों का निर्माण कराया तो वहीं हिन्दू राजाओं ने इमामबाडों और मस्जिदों  को बनवा कर आपसी सदभाव की बेहतरीन नज़ीर पेश की है। इसी तहज़ीब  और रिवायत  की विरासत को ज़िंदा रखते हुए डॉक्टर अनूप श्रीवास्तव ने राजा झाऊलाल श्रद्भावना मिशन संगठन, के बैनर तले सदभाव और एकता का कार्य कर हिन्दू मुस्लिम एकता का बेहतरीन नज़ीर पेश कर रहें। श्री  श्रीवास्तव  झाऊलाल श्रद्भावना मिशन के फाउंडर  हैं । मानवता पर शहीद होने वाले कर्बला के शहीद पर गमगीन होते है। कर्बला के सबसे छोटे शहीद,व हज़रत इमाम हुसैन अ. के शैहज़ादे शीरख्वार छे: माहे नन्हे मुज़ाहिदअली  असगर( अलैहिससलाम) के रौज़े की  तामीर की संगे बुनियाद रख कर डॉक्टर अनूप  इमाम हुसैन (अलै.)के सच्चे भक्त समाजसेवी स्वर्गीय राजा झाऊ लाल की विरासत को आगे बढ़ा रहें है।राजा झाऊलाल श्रद्भावना मिशन रौज़े की तामीर कर्बला  इमदाद हुसैन ख़ाॅ राजाजीपुरम  लखनऊ में किया जा रहा है। सात रबीअव्वल को शाम चार बजे विजय दशमी पर्व पर जब हिंदुस्तान में  यज़ीद रूपी रावण को जलाया जा रहा था तब राजा झाऊलाल श्रद्भावना मिशन के फाउंडर डॉ, अनूप श्रीवास्तव अपने साथियोँ के साथ मिलकर अपने हाथों से इमदाद हुसैन की कर्बला में संगे बुनियाद रख रहे  थे। संगें बुनियाद  हज़रत अलीअसग़र अलैहिस्सलाम के याद मे  एक मजलिस को शिया पर्सनल बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने ब्यान किया ।,मौलाना ने मजलिस को बयान करते हुए कहा की राजा झाऊलाल श्रद्भावना मिशन के फाउंडर अनूप श्रीवास्तव हिन्दू मुस्लिम एकता के  लिए बेमिसाल और ऐतेहासिक कार्य कर रहे  है। आज जब चारों तरफ सम्प्रदायिक ताकते हिंदू मुस्लिम एकता को तार तार कर रहीं है,तब स्वर्गीय राजा झाऊलाल के पद चिन्हों पर चल कर श्री डॉक्टर अनूप श्रीवास्तव हज़रत इमाम हुसैन अ, के पुत्र हज़रतअलीअसगर अ,के रौज़े की तामीर कराने का कार्य कर रहें है जो भारत मे एकता अखण्डता के राह में मील का पत्थर साबित होगा और रहती दुनिया  तक याद इसे याद रक्खा जाएगा।मौलाना ने कहा कि हुसैन अलैहिस्सलाम पर किसी एक कौम या समाज का इजारा नही है। हर हकपरस्त मानवता वादी रहमदिल इंसान के दिल मे हुसैन की मोहब्बत होती है । मजलिस के तुरन्त बाद अली असग़र अलैहिस्ससलाम के नाम की दूध और शरबत पर नज़्र दिला कर बच्चों में वितरण किया गया। उसके उपरान्त संगें बुनियाद की ईंट मौलाना यासूब अब्बास और डॉक्टर अनूप श्रीवास्तव, ने रख कर शीघ्र रौज़ा बनाने का संकल्प लिया।रौज़े की नींव के समछ खड़े होकर दुआ पढ़कर रौज़े के जल्द बनने की दुआ की ।इस मौके पर कर्बला के मुतवल्ली असद अली खान बहादुर ,एडीटर फरीद अब्बासी ,शाबू ज़ैदी एडीटर इन चीफ रिवॉल्यूशन न्यूज़ ,सैयद एम अली तकवी,नुसरत तक़ी,डॉक्टर जुनैद अहमद, डॉक्टर शाद,वसीम हसन रिज़वी सहित सैकड़ो मोमिनीन एवं दर्जनों गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
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