अवधनामा संवाददाता
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट के महाधिवक्ता भवन में आग की वजह शार्ट सर्किट ही रही। सीएम योगी की ओर से गठित पांच सदस्यीय जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में महाधिवक्ता भवन में लगी आग का मुख्य कारण शार्ट सर्किट ही बताया है। फिलहाल जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है। इस पूरी घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर अब शासन के निर्देश पर ही कार्रवाई होगी।
शासन को भेजी गई जांच कमेटी की रिपोर्ट में महाधिवक्ता भवन में लगे उपकरणों में तमाम कमी का होना भी दर्शाया गया है। अब इसी आधार पर भवन बनाने वाली कार्यदायी संस्था के अफसरों के ऊपर कार्रवाई होना तय माना जा रहा है। दरअसल महाधिवक्ता भवन में रविवार 17 जुलाई की सुबह ही आग लग गई थी। छठे से नौंवे तल तक लगी आग इतनी भयावह थी कि उसे बुझाने में जहां कई दमकल कर्मी घायल हो गए तो वहीं बाद में सेना की भी मदद लेनी पड़ी।
इसी के बाद सीएम योगी के निर्देश पर पांच सदस्यीय जांच टीम बनी, इसमें एडीएम सिटी मदन कुमार, एसपी सिटी दिनेश कुमार, सीएफओ राजीव पांडेय, एडिशनल एलए राधे मोहन एवं उप निदेशक विद्युत सुरक्षा शत्रुघभन सिंह शामिल रहे। टीम द्वारा बीते एक सप्ताह से आग लगने की वजह के कारणों का पता लगाया गया। टीम द्वारा अध्ययन करने के बाद पाया गया कि आग लगने का मुख्य कारण शार्ट सर्किट ही था। वहां अग्निशमन यंत्र भी पर्याप्त संख्या में नहीं थे।
फिलहाल टीम ने प्रथम तल से पांचवें तल तक ही अध्ययन किया है। छठे से नौंवे तल तक आग लगने की वजह से विद्युत उपकरणों की स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है। बता दें कि पिछले सप्ताह प्राथमिक रिपोर्ट में भी आग लगने की वजह शार्ट सर्किट ही पाई गई थी। डीएम संजय कुमार खत्री का कहना है कि जांच रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है। पहले से पांचवें तल तक बिजली की व्यवस्था करने और पर्याप्त संख्या में अग्निशमन उपकरण रखने का निर्देश दिया गया है। उसके बाद ही भवन का यह हिस्सा खोल जाएगा।
जल्द खोला जा सकता है महाधिवक्ता भवन
महाधिवक्ता भवन में लगी आग से करोड़ों का नुकसान भले ही हो गया लेकिन अभी यह तय नहीं हो सका है कि वास्तविक नुकसान कितने करोड़ रुपये का हुआ। इस बीच मंगलवार 26 जुलाई से महाधिवक्ता कार्यालय की साफ सफाई का काम शुरू होने जा रहा है। इसके बाद किसी भी दिन पहले से तल से पांचवें तल को खोल दिया जाएगा। उसके पूर्व यहां अग्निशमन उपकरणों की पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी। यहां अभी बिजली की व्यवस्था नहीं है। उसे भी पहले ठीक किया जाएगा।
पीडब्ल्यूडी के सात से अधिक अभियंताओं पर गिर सकती है गाज
शासन को रिपोर्ट भेजे जाने के साथ ही महाधिवक्ता भवन में लगी आग के मामले में पीडब्ल्यूडी के विद्युत यांत्रिक खंड के अधिशासी अभियंता दिनेश कुमार, सहायक अभियंता जितेंद्र वर्मा, अवर अभियंता केके चौबे के अलावा निर्माण खंड के कुछ अफसरों समेत सात से अधिक अभियंताओं पर गाज गिर सकती है। बताया जा रहा है कि दस माह पूर्व ही यह भवन सीएंडडीएस से पीडब्ल्यूडी के यांत्रिक खंड विभाग को मिला था।
इसके बाद यहां विद्युत व्यवस्था से जुड़े उपकरणों का विभाग ने समय से इस्टीमेट नहीं बनाया। 30 जून को विद्युत यांत्रिक खंड को 60 लाख रुपये बिजली के बिखरे तारों, खराब वायरिंग, कबाड़ हो चुके स्विच बोर्ड को बदलने के लिए अवमुक्त कर दिया गया। इसके बाद भी न तकनीकी स्वीकृति ली गई और न ही उन तारों को बदले जाने की जहमत उठाई गई। उसका परिणाम रहा कि 17 जुलाई को शार्ट सर्किट से भड़की आग में बहुत कुछ स्वाहा हो गया।