लखनऊ: शार्प बिजनेस सिस्टम्स (इंडिया) प्रा. लिमिटेड, जो कि शार्प कॉरपोरेशन जापान की एक पूर्ण स्वामित्व वाली भारतीय सहायक कंपनी है, तथा जिसे अपने यूनिक टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स एवं सोल्यूशन्स के लिए दुनिया भर में जाना जाता है, ने घोषणा की कि प्लाज़्माक्लस्टर तकनीक (पीसीआई) के साथ लैस शार्प एयर प्यूरीफायर एयरबोर्न नोबेल कोरोनवायरस के खिलाफ काफी कारगर सिद्ध साबित हुआ है। यह एडवांस्ड स्टडी कोलंबिया यूनिवर्सिटी इरविंग मेडिकल सेंटर, जो कि संयुक्त राज्य अमेरिका में एक विश्व प्रसिद्ध रिसर्च इंस्टिट्यूट है में आयोजित की गयी थी। इस एयरबोर्न वायरस स्टडी में,ओमाइक्रोन बीए.1 वेरिएंट को एक हाइली कंसन्ट्रेटेड सोल्युशन,जो कि नोवेल कोरोनवायरस(सार्स -सीओवी -2 )का एक म्युटेटेड स्ट्रेन है जिसे एरोसोल के रूप में 102 लीटर टेस्ट बॉक्स में छिड़कने के बाद प्लाज़्माक्लस्टर आयन (आयन डेंसिटी लगभग 25,000 पीसी / सेमी 3) को एयरबोर्न वायरस को कम करने की प्रभावशीलता को वेरिफाई करने के लिए रिलीज़ किया जाता है। इसके परिणामों ने वायरस इन्फेक्शस टिटर (एक्सपोज़र के 15 मिनट बाद 99.3% की कमी) में भारी गिरावट दिखाई, जो कि यह दर्शाता है कि प्लाज़्माक्लस्टर तकनीक म्युटेटेड और हाइली इन्फेक्शस एयरबोर्न ओमाइक्रोन वेरिएंट के खिलाफ काफी प्रभावी एवं कारगर है।इस डेवलपमेंट पर टिप्पणी करते हुए, नरीता ओसामू, मैनेजिंग डायरेक्टर, शार्प बिजनेस सिस्टम्स (इंडिया) प्रा. लिमिटेड ने कहा, “पिछले कुछ सालों से, शार्प ने कई प्रोडक्ट सोल्युशन पेश किए हैं और महामारी से उत्पन्न चुनौतियों को बेहतर ढंग से समझने और उनका समाधान करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों के साथ अहम् भागीदारी की है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी इरविंग मेडिकल सेंटर द्वारा की गयी यह लेटेस्ट स्टडी इसी एक ऐसी अकादमिक साझेदारी का हिस्सा है, जहां परिणामों ने महामारी के प्रभाव को संबोधित करने में प्लाज़्माक्लस्टर प्रौद्योगिकी के महत्वपूर्ण योगदान की पुष्टि की है। पिछले दो वर्षों में सामने आए नोवेल कोरोनावायरस (सार्स -सीओवी -2) के म्यूटेशन की बढ़ती संख्या के साथ, हम मानते हैं कि इस स्टडी के परिणाम ह्यूमन सेफ्टी कंसर्नस को दूर करने के लिए एक नई दिशा प्रदान करते हैं। ”
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