दिवाली से पहले मोदी सरकार ने कॉरपोरेट सेक्टर को एक के बाद एक कई बड़े तोहफे दिए हैं. सरकार के इन तोहफे से शेयर बाजार ने आज इतिहास की सबसे बड़ी बढ़त दर्ज की है.
सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को बूस्ट देने के लिए शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक बार फिर मुखातिब हुईं. इस बार वित्त मंत्री ने कॉरपोरेट सेक्टर के लिए कई बड़े ऐलान किए. इसका शेयर बाजार ने जबरदस्त तरीके से स्वागत किया. सरकार के बूस्टर डोज की वजह से कारोबार के दौरान शेयर बाजार में इतिहास की सबसे बड़ी तेजी आई. कारोबार के दौरान एक वक्त सेंसेक्स में 2250 अंक से अधिक की बढ़त देखी गई. कारोबार के अंत में सेंसेक्स 1921 अंक उछलकर 38,014 के स्तर पर बंद हुआ है. वहीं, निफ्टी भी 569 अंक की तेजी के साथ 11,274 पर रहा.
निर्मला सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद शेयर बाजार ने जो रफ्तार पकड़ी, उसने एक नया रिकॉर्ड बना दिया. दरअसल, कारोबार के दौरान एक वक्त सेंसेक्स 2250 अंक से अधिक बढ़त के साथ कारोबार करता दिखा तो वहीं निफ्टी ने भी 650 अंकों से अधिक की बढ़त दर्ज कर ली. इससे पहले 18 मई, 2009 को सेंसेक्स में 2,110 अंक की तेजी आई थी. तब तत्कालीन यूपीए सरकार के एक बार फिर से सत्ता में वापस लौटने का जश्न मार्केट ने मनाया था.
बहरहाल, शेयर बाजार के इस उत्साह की वजह से कारोबार के दौरान निवेशकों को 7 लाख करोड़ रुपये से अधिक का मुनाफा हुआ. दरअसल, गुरुवार को बीएसई का मार्केट कैप 1,38,54,439.41 लाख करोड़ रुपये था जो शुक्रवार को बाजार बंद होने पर 1,45,37,378.01 लाख करोड़ पर पहुंच गया. इस लिहाज से 6.80 लाख करोड़ से अधिक का मुनाफा हुआ है. वहीं कारोबार के दौरान यह मुनाफा बढ़कर 7 लाख करोड़ से अधिक हो गया था.
सरकार के 5 बड़े तोहफे
कॉरपोरेट टैक्स में राहत: पहले तोहफे की बात करें तो अब घरेलू कंपनियों पर बिना किसी छूट के इनकम टैक्स 22 फीसदी लगेगा. वहीं इसमें सरचार्ज और सेस जोड़ने के बाद कंपनी को 25.17 फीसदी टैक्स देना होगा. इसका फायदा देश की उन बड़ी कंपनियों को मिलेगा जो 30 फीसदी के कॉरपोरेट टैक्स स्लैब में आती हैं. हालांकि सरकार के नए फैसले से राजस्व पर 1.45 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ने की आशंका है.
नए निवेश पर राहत : दूसरे तोहफे की बात करें तो 1 अक्टूबर 2019 के बाद मैन्युफैक्चरिंग कंपनी स्थापित करने वाले कारोबारियों को 15 फीसदी की दर से इनकम टैक्स देना होगा. वर्तमान में नए निवेशकों को 25 फीसदी की दर से टैक्स देना होता है. हालांकि जो घरेलू कंपनी अपना प्रोडक्शन 31 मार्च 2023 के बाद करेगी, उसे सरकार की राहत का फायदा नहीं मिलेगा.
MAT पर राहत: तीसरे तोहफे की बात करें तो कंपनियों को मिनिमम अल्टरनेट टैक्स (MAT) में राहत दी गई है. इसके बाद अब कंपनियों को 15 फीसदी की दर से मैट देना होगा. वर्तमान में यह दर 18.5 फीसदी है. बता दें कि MAT उन कंपनियों पर लगाया जाता है जो मुनाफा तो कमाती हैं लेकिन रियायतों की वजह से इन पर टैक्स की देनदारी कम होती है. सरकार के इस फैसले से विदेशी कंपनियों में ज्यादा उत्साह देखने को मिल सकता है.
कैपिटल गेंस पर राहत : चौथे तोहफे की बात करें तो सरकार ने कैपिटल गेंस पर से सरचार्ज हटाने का ऐलान किया है. सरकार के इस फैसले का फायदा उन लोगों को मिलेगा जो शेयर बेचने या इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं.
बायबैक पर राहत : सरकार ने 5 जुलाई 2019 से पहले शेयर बायबैक का ऐलान करने वाली लिस्टेड कंपनियों पर बायबैक टैक्स से छूट देने का भी ऐलान किया है. इसका सबसे अधिक फायदा उन कंपनियों को होगा जो शेयर बायबैक करती हैं. कंपनी जब अपने ही शेयर निवेशकों से खरीदती है तो इसे बायबैक कहते हैं. यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन शेयरों का वजूद खत्म हो जाता है.