पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शान्ता कुमार ने खुशी व्यक्त की है कि भारत सरकार ने इस वर्ष प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत हिमाचल प्रदेश को चार हजार करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। उन्होंने आग्रह किया कि इस धन का उपयोग उस मूल भावना के अनुसार किया जाए, जिसके तहत यह योजना शुरू की गई थी।
शान्ता कुमार ने शनिवार को एक बयान में कहा कि जब वह केंद्रीय मंत्री थे, तब प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में इस योजना की शुरुआत की गई थी, जिसका उद्देश्य उन गांवों को प्राथमिकता देना था, जिन्हें अभी तक किसी प्रकार का संपर्क साधन नहीं मिला।
उन्होंने चिंता जताई कि कई राज्यों में यह शिकायतें आई थीं कि राज्य सरकारें संपर्क विहीन गांवों के बजाय पुरानी कच्ची सड़कों को पक्का करने में इस धन का उपयोग कर रही थीं। इसके फलस्वरूप, केंद्र सरकार ने जांच करवाई और उन राज्यों का धन वापस लिया गया।हिमाचल प्रदेश में भी कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां बीमार व्यक्तियों को चारपाई पर उठाकर कई किलोमीटर पैदल लाना पड़ा।
शान्ता कुमार ने कहा कि इस योजना का मूल उद्देश्य हर गांव को संपर्क साधन उपलब्ध कराना है, और पिछले 25 वर्षों में यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए था कि कोई गांव संपर्क विहीन न रहे।
उन्होंने विभाग के मंत्री विक्रमादित्य से विशेष अनुरोध किया कि इस धन का उपयोग केवल उन गांवों की सड़कों के लिए किया जाए, जहां अभी तक कोई संपर्क साधन नहीं मिला है।