पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शान्ता कुमार ने कै0 सजंय पराशर के प्रयासाें काे सराहा है। उन्हाेने कहा कि संजय ने परिश्रम और योग्यता से उद्योग जगत में अपना नाम बनाया। कुछ बड़े उद्योग खड़े किये। कई सालाें के बाद वह हिमाचल प्रदेश में वापिस आये और विधान सभा का पिछला चुनाव लड़ा, चुनाव हार गया परन्तु उसने हिम्मत नही हारी। चुनाव हारने के बाद भी वह हिमाचल की सेवा में डटा हुआ है।
शान्ता कुमार ने साेमवार काे एक बयान में कहा कि कै0 सजंय पराशर हिमाचल के इतिहास में अपनी प्रकार के पहले व्यक्ति है जिन्होंने यह सब कुछ करके दिखाया। चुनाव हारने के बाद वे लगातार हिमाचल के युवकों को रोजगार दिलवाने का सराहनीय कार्य कर रहे है। समुद्री जहाज उद्योग में उनका अनुभव है। अपने अनुभव के आधार पर वे सैकड़ों युवाओं को रोजगार दिलवा चुके है। उस उद्योग से सम्बन्धित कुछ महत्वपूर्ण लोगों को हिमाचल में बुलाते है। हिमाचल के युवाओं को प्रषिक्षण दिलवाते है। अब तो मर्चेंट नेवी में हिमाचल की लड़कियों को भी नौकरी दिलवाने की कोषिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस सराहनीय कार्य के लिए मैं सेवा की उनकी भावना को नमन करता हूं। चुनाव हारने के बाद भी वे मुम्बई में अपने उद्योग में वापिस नहीं गये। यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है। इतना ही नही एक पूरी योजना बना कर हिमाचल के युवाओं को प्रषिक्षण दिलवा कर लगातार मर्चेट नेवी जैसे बहुत बढ़िया नौकरी दिलवाने की कोषिष कर रहे है। मैं उन्हें और उनके परिवार को बहुत बधाई देता हूं।
शान्ता कुमार ने मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू से आग्रह किया है कि वे कै0 सजंय पराशर के अनुभव और सम्बन्धों का उपयोग करने की योजना बनाए। वे अकेले ही इतना बड़ा काम कर रहे है। यदि सरकार का भी उपयोग हो जाए तो हिमाचल प्रदेष के सैंकडाें बेरोजगारों को रोजगार मिल सकता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल ही नहीं शायद इस प्रकार का उदाहरण और किसी प्रदेश में भी नहीं मिलेगा कि चुनाव हार जाने के बाद भी जनता की सेवा में लगातार कै0 पराशर लगे हुए है।