सोनभद्र/रेणुकूट) हिण्डाल्को स्थित श्री रेणुकेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में आयोजित हो रहे सात दिवसीय श्री राम कथा के समापन के अवसर पर हिण्डाल्को क्लस्टर के मुखिया एन0 नागेश, लक्ष्मी नागेश एवं क्लस्टर के मानव संसाधन प्रमुख जसबीर सिंह, एवं सीमा मलहोत्रा ने श्री रामचरित मानस का पूजन कर एवं पंडितजी का टीका करके अंतिम दिन की रामकथा प्रारम्भ कराई।
कथा व्यास पं0 नाना लालजी राजगुरु ने अच्छाई एवं बुराईयों, प्रकाश एवं अंधकार की कथा को प्रसंग के माध्यम से आगे बढ़ाते हुए कहते है कि हनुमानजी सद्गुरु के रूप में सुग्रीवजी की मित्रता रामजी से करवाते है। परंतु संसारी जीव सुग्रीव रूपी राज्य के सुख में लिप्त होकर रामजी से विमुख हो जाते है। परंतु यदि गुरु सबल एवं सक्षम हो तो अति मोह से ग्रसित को भी भगवान से मिला देते है और इसका प्रमाण है कि सुग्रीवजी को भी श्री राम पर विश्वास करना पड़ता है और अंत में बाली का अंत होता है और सुग्रीव को अपना राज-काज श्री राम की कृपा से ही वापस मिल जाता है और इसी प्रसंग के साथ रामकथा सम्पन्न हो जाता है।
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