ज्ञानवापी विवाद से जुड़े सात मामले एक साथ सुने जाएंगे

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वाराणसी कोर्ट का फैसला, सारे मुकदमों का नेचर एक; 7 जुलाई को होगी सुनवाई

वाराणसी। वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी विवाद से जुड़े सात मामलों की सुनवाई एक साथ करने का फैसला किया है। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने 22 मई को यह आदेश दिया है। हिंदू पक्ष ने 7 केस एक साथ सुनने की याचिका दाखिल की थी। मामले में अगली सुनवाई 7 जुलाई को होगी।
वकील बोले- एक ही प्रकृति के हैं सात केस
हिंदू पक्ष के वकील सुभाष चतुर्वेदी ने कहा, फैसला हमारे पक्ष में आया है। सारे मुकदमों का नेचर एक ही है। राखी सिंह के केस नंबर 693/21 मामले को लीडिंग केस के रूप में सुना जाएगा। इसी केस के तहत सभी मामलों की सुनवाई होगी।
मसाजिद कमेटी ने जताई थी आपत्ति
मामले में राखी सिंह की तरफ से वकील शिवम गौड़, शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की तरफ से वकील रमेश उपाध्याय, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से रईस अहमद ने दलील देकर एक साथ सुनवाई ना किए जाने की मांग की थी।
वहीं, चार महिला वादियों के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी और सुधीर त्रिपाठी ने कहा था कि सातों मुकदमे एक प्रकृति के हैं। समय की बचत और कोर्ट की सुविधा को देखते हुए सभी 7 मामलों की एक साथ सुनवाई किया जाना न्यायसंगत है।
पिछले साल दिसंबर में लगाई थी याचिका
ज्ञानवापी से जुड़े शृंगार गौरी वाद की महिला वादियों (राखी सिंह, रेखा, सीता, मंजू, लक्ष्मी) ने पिछले साल दिसंबर में जिला जज की कोर्ट में एप्लिकेशन देकर 7 मामलों की सुनवाई एक साथ, एक ही कोर्ट में करने की मांग की थी। इसमें 6 सिविल जज सीनियर और 1 केस किरण सिंह की फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा था। इस केस पर जिला जज की अदालत ने 17 अप्रैल को आदेश पारित किया था कि उनकी कोर्ट में सभी 7 मामलों की फाइलों को रखा जाए।
इसके बाद 17 अप्रैल को कोर्ट के आदेश के बाद पहली बार 6 सिविल कोर्ट और एक फास्ट ट्रैक कोर्ट से सभी 7 याचिकाओं को निकाल एक साथ जिला जज के सामने रखा गया। कोर्ट ने सुनवाई के लिए 12 मई की नई तारीख दी। 12 को सुनवाई न हो पाने के बाद 16 मई, 19 मई और फिर 22 मई की तारीख दी थी।
कार्बन डेटिंग पर भी लगी है रोक
ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग के साइंटिफिक सर्वे और कॉर्बन डेटिंग के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए कोर्ट ने कहा- इस मामले में संभलकर चलने की जरूरत है। हाईकोर्ट के आदेश की बारीकी से जांच करनी होगी।
हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति की तरफ से वकील हुजेफा अहमदी ने यह याचिका दायर की। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और केवी विश्वनाथन की पीठ ने इसकी सुनवाई की। हिंदू पक्ष सुप्रीम कोर्ट में पहले ही कैविएट दाखिल कर चुका है।
सभी केस राग-भोग, पूजा-दर्शन की मांग से जुड़े हैं
जिन 7 मामलों को क्लब करने की सुनवाई हुई, उसमें शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की भी याचिका शामिल है। इसमें उन्होंने वुजूखाने में मिले कथित शिवलिंग को आदि विश्वेश्वर का सबसे पुराना शिवलिंग बताया था। जिनके राग-भोग, पूजा-दर्शन की मांग की गई है।

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