अमरोहा। अवधनामा जाने माने वरिष्ठ पत्रकार सतीश त्यागी (76 वर्ष) नहीं रहे। सतीश त्यागी जाने माने वरिष्ठ पत्रकार रहे तथा पत्रकार हितों के लिए अनेक संघर्ष किए।
बीती रात सतीश त्यागी का निधन हो गया । सतीश त्यागी ने अपने पीछे तीन पुत्रियों एवं एक पुत्र सौरभ त्यागी का भरापूरा परिवार छोड़ा है। अमरोहा के मौहल्ला कोट निवासी सतीश त्यागी मूल रूप से संभल जिले के नियावली गांव के रहने वाले थे। जो करीब 60 वर्ष पूर्व अमरोहा आकर रहने लगे थे। उनका बिजली के मोटरे बेचने का पुराना कारोबार था। बहुत दूर दूर से किसान उनसे बिजली की मोटर खरीदने आते थे।
सतीश त्यागी ने दैनिक जागरण, जनसत्ता, राष्ट्रीय सहारा, पंजाब केसरी, बिजनौर टाइम्स, चिंगारी, नव अमर भारत, नव भारत टाइम्स, युग बंधु, राम रहीम, दैनिक आज, सहित दर्जन भर से अधिक समाचार पत्रों में काम किया सतीश त्यागी ने पत्रकार हितों के लिए अनेक आंदोलन किए।
सतीश त्यागी के निधन का समाचार सुनकर समाज सेवी व्यापारी, नेता ,पत्रकार उनके आवास पर शोक व्यक्त करने पहुंचे। अमरोहा पालिकाध्यक्ष श्रीमति शशि जैन ने सतीश त्यागी के घर पहुंच कर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि सतीश त्यागी बेहतरीन इंसान थे पत्रकारिता जगत में वे हमेशा याद किए जाते रहेंगे। वे तथ्यात्मक खबरे प्रकाशित करने के माहिर थे।
सतीश त्यागी के निधन पर अमरोहा प्रेस क्लब, रजिस्टर्ड प्रेस क्लब, पत्रकार सुरक्षा परिषद, श्रमजीवी पत्रकार यूनियन सहित अनेक पत्रकार संगठनों ने शोक व्यक्त किया है। वरिष्ठ पत्रकार डा० महताब अमरोही ने उन्हें सच्चा कलमकार बताया वरिष्ठ पत्रकार चौधरी महेंद्र सिंह ने सतीश त्यागी को निर्भीक पत्रकार बताते हुए कहा कि सतीश त्यागी का पत्रकार हितों के लिए किया जाना वाला काम हमेशा याद किया जाता रहेगा। समाचार लिखते हुए उन्होंने कभी ये नहीं सोचा कि जिस पर समाचार लिखा जा रहा है वो कितना प्रभावशाली व्यक्ति है वो हमेशा निष्ठापूर्वक अपने कर्तव्यों को अंजाम देते रहे। पत्रकार नकी मेहंदी अमरोही ने सतीश त्यागी के निधन को पत्रकारिता के एक युग का अंत बताते हुए कहा है कि सतीश त्यागी जैसे पत्रकार अब विरले ही मिलते है जीवन में उन से बहुत कुछ सीखने को मिला। राजनीतिक खबरों पर उनकी गहरी पकड़ थी।
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