देश के जाने माने यूनानी चिकित्सा विशेषज्ञ एवं अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अजमल खां तिब्बिया कालिज में इल्मुल अदविया विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक प्रोफेसर (हकीम) नईम अहमद ख़ान 37 वर्षों की लम्बी सेवा के बाद विभाग से सेवानिवृत हो गये।
प्रोफेसर (हकीम) नईम अहमद खान ने अपने कार्यकाल के दौरान कार्यवाहक कुलपति, यूनानी मेडिसिन संकाय के अधिष्ठाता इल्मुल अदविया विभाग के तीन बार अध्यक्ष, दवाखाना तिब्बिया कालिज के प्रभारी के जैसे महत्वपूर्ण पदों को सुशोभित किया।
प्रोफेसर (हकीम) नईम अहमद ने यूनानी चिकित्सा की प्राचीन एवं आधुनिक जानकारी एकत्रित की तथा यूनानी चिकित्सा के विभिन्न प्राचीन नुस्खों को जीवित किया। उन्होंने विशेषकर हेपाटाईटिस बी के इलाज में चार दवाओं का सफल परीक्षा किया जिसमें अभी अधिक शोध जारी है। इसके अलावा उन्होंने डायबिटीज़ की एक दवा भी तैयार की।
प्रोफेसर नईम की सेवानिवृति पर इल्मुल अदविया विभाग में आयोजित विदाई कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विभागाध्यक्ष प्रोफेसर गुफरान अहमद ने प्रोफेसर नईम अहमद द्वारा किये गये कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रोफेसर नईम ने न केवल यूनानी चिकित्सा के शेक्षणिक क्षेत्र बल्कि क्लीनिकल क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान किया है। उन्होंने विश्वविद्यालय में लम्बे समय तक महत्वपूर्ण पदों पर सेवा को अंजाम दिया। प्रोफेसर गुफरान ने कहा कि प्रोफेसर नईम ने महत्वपूर्ण शोध परियोजनाओं पर कार्य किया। एमडी की 42 थीसिस का निदेशा करने के अलावा विभिन्न कांफ्रेंसों की अध्यक्षता भी की। उन्होंने 97 अंतर्राष्ट्रीय कांफे्रंस में भाग लिया तथा तीन पुस्तकें लिखीं। उनके 136 शोध पर प्रकाशित हुए। वह 1983 में लेक्चर नियुक्ति हुए और 1997 में प्रोफेसर बने।