इटवा सिद्धार्थनगर। इटवा में रविवार को “हिंदुत्व पर प्रहार, महाप्रलय को आमंत्रण” विषय पर आयोजित संगोष्ठी में साध्वी डॉ. प्राची ने हिंदू एकजुटता और कट्टरता पर जोर दिया।
उन्होंने अपने संबोधन में जयचंद जैसे गद्दारों से सावधान रहने की अपील की। साध्वी ने कहा, “जिसे देश से प्यार नहीं, उसे देश में रहने का अधिकार नहीं।” उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी सरकारों के कारण हिंदू सुरक्षित हैं। साध्वी ने कहा, “ये न होते तो यहां से बांग्लादेश शुरू हो जाता।”
साध्वी प्राची ने कहा कि हिंदू माता-पिता अपने बच्चों को कॉन्वेंट स्कूलों में न भेजें। उन्होंने सुझाव दिया कि बच्चे गोकुल या सरस्वती विद्यालय में पढ़ें और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं में जाएं। साध्वी ने कहा कि “कॉन्वेंट स्कूल की शिक्षा से बच्चे अपने माता-पिता को वृद्धाश्रम भेजने तक की सोचने लगते हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व विधायक और हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश प्रभारी राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि जहां पत्थर चलते हैं, वहां बाबा का बुलडोजर चलता है। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों का मुद्दा उठाया और विपक्षी नेताओं पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया।
राघवेंद्र सिंह ने बांसी क्षेत्र में बढ़ती ईसाई मिशनरियों की गतिविधियों पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इन गतिविधियों से 83 गांव प्रभावित हो रहे हैं और इसे रोकने के लिए हिंदुओं को जागरूक होने की आवश्यकता है।
शिवपति डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरविंद सिंह ने कहा कि भारत का गौरवशाली इतिहास हमें विश्वगुरु बनाता है। बीच में ऐसी सरकारों ने देश की गरिमा को घटाया, लेकिन अब हिंदू शक्ति जागृत हो रही है।
संगोष्ठी का आयोजन संजय मिश्रा ने किया। कार्यक्रम में लवकुश ओझा, नगर पंचायत अध्यक्ष इटवा विकास जायसवाल, अनिल जायसवाल, ओम प्रकाश छापड़िया, शिवकुमार वर्मा, जेपी, चंद्र प्रकाश, विवेक श्रीवास्तव, राम कृपाल चौधरी सहित बड़ी संख्या में प्रबुद्ध वर्ग और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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