ईश्वर की साधना एवं जीवों पर दया से होगा आत्म कल्याण: डा.शास्त्री

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अवधनामा संवाददाता

ललितपुर। नगर के पुलिस लाइन स्थित सुप्रसिद्ध मुक्तिधाम मंदिर में श्रावण महोत्सव के पावन अवसर पर आयोजित श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के छठवें दिन, संस्कृत के विद्वान् डा.ओम प्रकाश शास्त्री ने श्रद्धालु जनमानस को संबोधित करते हुए कहा कि भारत देश की पावन धरा विद्वानों, संतो, एवं भक्तों की साधना स्थली रही है। हमारे देश के ऋषियों महर्षियों ने हमें श्रेष्ठतम जीवन जीने के लिए वेदों, पुराणों, भागवत रामायण गीता जैसे कल्याणकारी ग्रंथ प्रदान किए हैं। हमें हर घर में इनको स्थापित कर अपनी संतानों को इन पवित्र ग्रंथों से परिचित कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिना साधना उपासना आराधना सत्कर्म एवं सत्संग तथा भजन किए बिना मानव जीवन का कल्याण नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि आज आज भारत की युवा पीढ़ी अध्यात्म से दूर होकर भौतिकता की ओर भाग रही है जो युवा पीढ़ी के पतन का मूल कारण हैै। आज आवश्यकता है कि हम युवा पीढ़ी को वेदों पुराणों उपनिषदों एवं गीता के सिद्धांतों विचारों से परिचित करा कर उन्हें राष्ट्र का आदर्श नागरिक बनाए। उन्होंने कहा कि भक्तों के कल्याण हेतु एवं सृष्टि के संचालन के लिए परमात्मा ने आवेश, प्रवेश,स्फूर्ति, और प्राकट्य, 4 तरह से अवतरित होकर भक्तों को सहारा दिया। उन्होंने कहा कि जो ज्ञानी है वह ज्ञान द्वारा जो भक्त है वह भक्ति द्वारा प्रभु को प्राप्त कर सकते हैं उद्भव स्थिति और संहार यह प्रभु की लीलाएं है। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के पावन अवतार की विस्तार से व्याख्या करते हुए बाल लीला, गोवर्धन लीला, महारास लीला का आध्यात्मिक का वर्णन करते हुए कहां की परमात्मा श्री कृष्ण ने धर्म की स्थापना हेतु अवतार धारण कर संपूर्ण सृष्टि का कल्याण किया था। इस अवसर पर श्रीमद्भागवत के मुख्य यजमान सुरेंद्र कुमार तिवारी, बुन्देलखण्ड विकास बोर्ड के सदस्य प्रदीप चौबे, धर्मेन्द्र रावत, गोविन्द नारायण रावत, निखिल तिवारी, राजेश दुबे, डा.जनक किशोरी शर्मा, डा.पंकज शर्मा, डा.संजीव शर्मा, अन्नपूर्णा शास्त्री, प्रकाश नारायण पुरोहित, अवध बिहारी कौशिक, सज्जन कुमार शर्मा जयशंकर प्रसाद द्विवेदी, पुजारी राजेन्द्र शुक्ला, एसआई देवेंद्र सिंह, जय सिंह, बृजेंद्र सिंह सेंगर, प्रवीण तिवारी, उमाकांत गुप्ता, रागनी गुप्ता, शिवकुमार शास्त्री, डा.मिथलेश त्रिपाठी, कृष्ण कान्त शास्त्री, विष्णु दत्त मिश्रा, अक्षत रावत, विशम्भर दयाल, केके दुबे, रामकृपाल, श्रीमती गीता, एवं नगर के श्रद्धालु श्रोता गण उपस्थित रहे।

 

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