महाराष्ट्र पुलिस 2006 के मुंबई ट्रेन धमाकों की जांच करने वाले तीन पूर्व आईपीएस अधिकारियों एएन राय केपी रघुवंशी और जयजीत सिंह को सुरक्षा दे सकती है। दोषियों की रिहाई के बाद संभावित खतरे को देखते हुए यह फैसला लिया जा रहा है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने पहले सभी 12 दोषियों को बरी कर दिया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी है।
महाराष्ट्र पुलिस वर्ष 2006 के मुंबई ट्रेन धमाकों की जांच करने वाले तीन पूर्व आईपीएस अधिकारियों को सुरक्षा दे सकती है। इस मामले में दोषियों की रिहाई के बाद संभावित प्रतिक्रिया की चिंताओं के बीच एएन राय, केपी रघुवंशी और जयजीत सिंह को सुरक्षा देने पर विचार किया जा रहा है।
ये तीनों मुंबई ट्रेन विस्फोट मामले की जांच में शामिल थे। 2006 में राय मुंबई के पुलिस आयुक्त थे, वहीं रघुवंशी एटीएस प्रमुख और जयजीत डीआइजी रैंक के अधिकारी थे।
पूर्व एटीएस प्रमुख ने क्या कहा
इस बीच, पूर्व एटीएस प्रमुख रघुवंशी ने मिड डे से बात करते हुए कहा कि सरकार खुफिया सूचनाओं और खतरे की आशंकाओं के आधार पर सुरक्षा देने का फैसला करती है।
गौरतलब है कि 21 जुलाई को बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस मामले में सभी 12 दोषियों को बरी कर दिया था। हालांकि, राज्य सरकार ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
हाई कोर्ट के आदेश पर रोक
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। इससे पहले 2015 में विशेष अदालत ने 12 में से पांच दोषियों को मौत की सजा और सात दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।