श्रावण मास में गुरूवार को दशाश्वमेध स्थित श्री देव गुरु बृहस्पति भगवान के मंदिर में दूसरा जल बिहार फल श्रृंगार किया गया। दरबार में देवगुरू के विग्रह की दिव्य झांकी दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।
अलसुबह से ही दरबार में दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालु पहुंचने लगे। मंदिर के प्रधान सेवक अजय गिरी की देखरेख में भोर में देवगुरू के विग्रह को पंचामृत स्नान कराया गया। इसके बाद नूतन वस्त्र, स्वर्ण मुखौटा, चांदी का छत्र धारण करा कर सपरिवार पालने पर विराजमान कराया गया। 11 वैदिक ब्राम्हणों ने मंत्रोच्चार के बीच भोग लगाया और मंगला आरती की। इसके बाद मंदिर का पट आम श्रद्धालुओं के लिए खुल गया। जल विहार श्रृंगार में पूरे मंदिर परिसर और गर्भगृह को अशोक और कामिनी की पत्तियों के साथ रूई थर्माकोल, रंग बिरंगे कपड़े, विद्युत झालर से सजाया गया।
पुजारी अजय गिरी के अनुसार दरबार में सायंकाल 07 बजे से मध्यरात्रि तक भजन संध्या का कार्यकम रखा गया है। जिसमें वाराणसी और बाहर के कलाकार हाजिरी लगाएंगे। बाबा की शयन रात्रि 1 बजे सम्पन्न होगी। सुबह मंदिर परिसर में रुद्राभिषेक के बाद प्रसाद वितरित किया गया।