भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को बदलने का रच रही है षड़यंत्र

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अवधनामा सवाददाता

आजमगढ़। अम्बेडकर पार्क में अपना सम्बोधित देते हुए जैसा कि आप को ज्ञात हैं कि वर्तमान में समता, स्वतंत्रता, बन्धुतत्व व न्याय पर आधारित भारतीय संविधान को नकारने व पूरी तरह से बदलने का कुत्सित प्रयास चलाया जा रहा हैं इतना ही नहीं भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को राष्ट्रतंत्र में बदलने का षड़यंत्र भी तेजी से किया जा रहा हैं जो देश के गरीब पीछड़ो व अनुसूचित जातियों को देश गुलामी कि जंजिरों में पुनरू जकड़ने का कुसंगति प्रयास हैं इस दिशा में सभी भारत वासियों को सोचना होगा और ऐसी विचारधारा वाले लोगों को मुंह तोड़ जवाब देना होगा।हम बहुजन समाज जिसके अन्तर्गत आज की अनुसूचित जातियाँ, जनजातियां अन्य पिछड़ा वर्ग को सदियों से आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक,धार्मिक एवं राजनैतिक रूप से सताया जाता रहा हैं। इन्हे उनके शिक्षा, खाने पीने, पहनने,रचनात्मकता पूर्वक चलने और अच्छा मानवीय जीवन जीने से मरहूम कर दिया गया था अंग्रेजी शासन व्यवस्था में तथा छत्रपति साहू जी महराज के शासन में हमें कुछ सुविधायें प्राप्त हुई। अंग्रेजों ने हमें कुछ मानवीय अधिकार और अत्याचारों से संरक्षण दिया जिसके लिये बाबा साहब डाक्टर भीम राव अम्बेडकर जी ने अपने और अपने परिवार की आहूति दी ।
भारत की मिली आजादी के बाद बाबा साहब डाक्टर भीम राव अम्बेडकर ने अथक संघर्ष और प्रबल विरोधियों से संघर्ष कर हमें सम्मान और समता का मार्ग प्रशस्त किया और संविधान के माध्यम से हमें आजादी और आगे बढ़ने का मार्ग प्रयास हुआ। येन केन प्रकारेण जैसे ही हमारी स्थिति कुछ सुधरी तो आज भारतीय जनता पार्टी की सरकार जो विश्व हिंदू परिषद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ तथा अन्य हिन्दू संगठनों के दबाव हमारे सभी अधिकारों का हनन किया जा रहा हैं आज हमारे संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय कल्पना बौद्ध जी हमारे जनपद-आजमगढ़ में इसी मंसा से उपस्थित हुई हैं।हमारा वादा हैं कि हम आप के विचारों के क्रम में एक कड़ी बनकर महा आंदोलन की सफल बनायेंगे। और अंबेडकर पार्क में कल्पना बौद्ध जी ने बाबा साहब डाक्टर भीम राव अम्बेडकर जी को माल्यापर्ण की गई है और उनके साथ में चाँदनी आनंद महिला क्रांति शक्ति बिग्रेड की जिला अध्यक्ष,एवं सीता देवी, अशोक कुमार, मंगलदीप भिक्षु जी,नंददीप भिक्षु, राजेन्द्र प्रसाद, लालचंद बौद्ध, निशा यादव, पंचम बाबू जी इत्यादि सामिल हुए थे।

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